केन्द्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर किया सचिवालय कूच

0
45

देहरादून(संवाददाता)। केन्द्र, राज्य सरकार एवं सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों और प्रदेश में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के निराकरण किये जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) एवं विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कर्मकार बोर्ड के लगभग ढाई सौ करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई से कराये जाने, जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने सहित अनेक मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया और पुलिस ने सुभाष रोड पर बैरीकैडिंग लगाकर सभी को वहीं पर रोक लिया और इस बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोंकझोंक एवं धक्का मुक्की हुई और प्रदर्शनकारियों ने बैरीकैडिंग पर चढऩे का प्रयास किया तो पुलिस ने कामयाब नहीं होने दिया और सभी वहीं पर धरने पर बैठ गये और केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे।
यहां इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में इकटठा हुए और वहां से केन्द्र, राज्य सरकार व सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों व प्रदेश की अनेक समस्याओं के निराकरण किये जाने की मांग को लेकर नारेबाजी के बीच सचिवालय कूच किया, जहां पर पुलिस ने सभी को रोक लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन में इंटक प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि कर्मकार बोर्ड के लगभग ढाई सौ करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए तथा जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि गोल्डन फॉरेस्ट की प्रॉपर्टी होगी नीलाम का संज्ञान लेने की जरूरत है और जिसके अनुसार उच्चतम न्यायालय द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लेते हुये प्रदेश में स्थित गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि की नीलामी करते हुए प्राप्त राजस्व को प्रदेश को राजकोष में जमा कराये जाने के आदेश किये गये हैं, इस आदेश पर शीघ्र कार्यवाही अमल में लाया जाये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जमीनों की भू-माफियाओं व प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा मनमाने ढंग से की जा रही लूट पर अंकुश लगाये जाने हेतु हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर कठोर भू-कानून बनाते हुए प्रदेश में लागू किया जाय। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में दस वर्षों से अधिक कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण सुनिश्चित किया जाये अथवा उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के समान कार्य पर समान वेतन के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट व स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत किये गये खचाँ की उच्च स्तरीय जांच कराने व दोषियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के कर्मचारियों की भांति इस प्रदेश में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाय तथा प्रत्येक कर्मचारी को सेवाकाल में न्यनतम तीन पदोन्नति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी मुख्यालय को देहरादून से बाहर स्थानान्तरित किए जाने के पड्यत्र को बन्द किया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के व उत्तराखण्ड के गौरवशाली प्रतिष्ठानों रक्षा कारखानों, फॉरेस्ट रिसर्च इस्टीट्यूट सर्वे ऑफ इण्डिया, बी.एच.ई.एल. हरिद्वार को बाहरी कम्पनियों को सौंपने व उनकी सैकड़ों एकड़ भूमि को ठिकाने लगाने के कुछ अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा रचे जा रहे षडयन्त्र पर तत्काल रोक लगायी जाये। उन्होंने ज्ञापन में किसानों की उपज का उचित मूल्य निर्धारित किया जाय तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का किसानों को उचित मुआवजा दिया जाये और साथ ही सुदुर पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की उपज के ढुलान का व्यय सरकार वहन करने में सहयोग प्रदान करें एवं गन्ना किसानों के अवशेष भुगतान को अति शीघ्र कराये और परिवहन निगम में कर्मचारियों की भार्तियों को किसी भी बाहरी कम्पनी को न देकर पूर्व की भाति विभाग के पास व्यवस्था यथावत रखा जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सिडकुल में स्थित कम्पनियों के पलायन को रोकने हेतू पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की सरकार द्वारा केन्द्र की सरकार के सहयोग से दी गयी विशेष राहत की सुविधाए बहाल करायी जाये जिससे बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश लग सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों से महिलाओं में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है, चाहे अकिता भण्डारी का मामला हो अथवा आईएसबीटी देहरादून हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर में महिला पर हो रही अत्याचारों की घटनाओं पर कोई उचित कार्यवाही प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जाना शर्मनाक एवं निदंनीय है। उन्होंने शीघ्र उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मन्दिर में चढ़ावे का हजारों करोड़ का सोना गायब होने की सीबीआई की जांच की जायें। श्रम विभाग की निष्क्रियता के फलस्वरूप पूरे प्रदेश तन्त्र की तानाशाही चरम पर है जिस प्रकार हरिद्वार में सिडकुल के अन्तर्गत सत्यम कम्पनी सहित प्रदेश की अन्य कम्पनियों में बिना कारण सैकड़ों श्रमिकों को नियम विरूद्ध निकाला जा रहा है उस पर नियंत्रण लगाया जाय एवं निकाले गये श्रमिकों को पुन: काम पर वापस लिया जाये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की नदियों में प्रतिवर्ष हो रहे भारी अवैध खनन पर अंकुश लगाने व सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करायी जाय एवं प्रदेश को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि से बचाने हेतु कठोर कार्यवाही की जाये। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार श्रमिक कानूनों पर हमले बंद करे साथ ही श्रमिकों के हितों के विपरीत सरकार द्वारा पारित किए गये चव्वालिस वें संशोधन को तत्काल रद्द किया जाये। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि नगर निगम देहरादून में स्वच्छता समितियों के माध्यम से फर्जी पर्यावरण मित्रों की भर्ती की आड़ में करोड़ों राज्य में कार्यरत आशाओं, आंगनबाडी कार्यकतियों व भोजन माताओं को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये अथवा राज्य कर्मचारियों के समान लाभ दिये जायें। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि जल्द ही मांगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर सचिवालय कूच करने वालों में इंटक प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, मिनाक्षी देवी सहित विभिन्न संगठनों को पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल रहे।

LEAVE A REPLY