आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है

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हरिद्वार(संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेवाज्ञ संस्थानम द्वारा आयोजित चतुर्थ युवा धर्म संसद में राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य लेकर देश की युवा पीढ़ी को सही दिशा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम में पहुॅचे सभी महानुभावों तथा युवा शक्ति का देवभूमि उत्तराखण्ड पहुॅचने पर हार्दिक स्वागत तथा अभिनन्दन करते हुए कहा कि 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानन्द द्वारा अमेरीका के शिकागों शहर में दिए गए उद्बोधन को आधार मानकर आयोजित यह कार्यक्रम देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही प्रेरित करेगा क्योंकि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी, यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरिम पहुॅचकर युवा धर्म संसद कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारम्भ किया।
उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित तथा आत्मनिर्भर व राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित न हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार इंजन को चालू करने के लिए ईंधनी आवश्यकता होती है, उसी प्रकार राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने हेतु युवा शक्ति की ताकत, उनकी इनोवेटिव सोच और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुन: विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। उन्होंने कहा कि देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2०47 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि के अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव करें और यह स्मरण रहे कि राष्ट्र प्रथम। उन्होंने युवाओं का मार्ग-दर्शन करते हुए कहा कि हमारा विकल्प रहित सकल्प होना चाहिए क्योंकि संकल्प में विकल्प ले आते हैं तो संकल्प वहीं पर समाप्त हो जाता है, हमारे रास्ते बदल जाते हैं, मंजिल हमसे दूर हो जाती है और सपने हम से रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में पहचान मिल रही है और भारतीय सनातन संस्कृति की अनमोल धरोहर योग और प्रणायाम को पूरा विश्व अपना रहा है। आज विश्व के अनेक देशों के लोग गीता के सार को सुन भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ ही देश को आगामी 2०47 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी को कार्य करना होगा। जिसमें युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म की धरती रही है। सरकार उत्तराखंड के अंदर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सरकार ने दून विवि में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि विकसित राष्ट्र के निर्माण में उत्तराखंड के युवा भी आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के युवा आज स्टार्टअप के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। राज्य में 11०० से अधिक स्टार्टअप को मान्यता मिली है। देश के युवाओं में पर्याप्त सामथ्र्य और ऊर्जा है। आप सभी युवा भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्यक्रम मे महासचिव श्रीरा जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश ननिदनी शरण जी महाराज, बाबा रामदेव द्वारा भी अपने-अपने विचार रखे गये। इस अवसर पर महासचिव श्रीरा जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश ननिदनी शरण महाराज, बाबा रामदेव भी उपस्थित थे।

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