बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आक्रोश रैली

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देहरादून(नगर संवाददाता)। बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विभिन्न राजनैतिक दलों, व्यापारियों एवं सामाजिक संगठनों ने राजधानी में आक्रोश रैली निकाली और इस रैली में लोगों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पडा और वहीं व्यापारियों ने दोपहर एक बजे तक अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और वहीं राहगीरों को प्रमुख मार्गों पर जाम से जूझना पड़ा और काफी समय तक वह जाम में फंसे रहे। इस दौरान पुलिस को जाम खुलवाने में बड़ी मशक्कतों का सामना करना पडा। यहां विभिन्न राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों, हिन्दूवादी संगठनों, व्यापारी बड़ी संख्या में गांधी पार्क के बाहर इकटठा हुए और वहां से बांग्लादेश में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आक्रोश रैली निकालकर विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला मुख्यालय कचहरी पहुंचा और वहां पर जमकर नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया और इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर हिन्दूओं की सुरक्षा किये जाने की मांग की गई।
इस अवसर पर राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में जिस प्रकार से हिन्दूओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है और हिन्दू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है जिसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में हिन्दू समाज एवं अन्य अल्पसंख्यकों की महिलाओं, बच्चों एवं उनके परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार एवं हिंसा की घटनाओं, सभी की सम्पत्ति एवं मंदिरों को पहुंचाए जा रहे नुकसान को अविलम्ब रोकने एवं दोषी और दोषियों को संरक्षण प्रदान करने पालों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई किए जाने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाय बनाये जाने की मांग की गई है। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता परिवर्तन के बाद वहां रह रहे हिन्दूओं पर लगातार हमले ही रहे हैं। हिन्दूओं के मंदिरों एवं उनकी सम्पत्तियों को तोड़ा, लूटा और जलाया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि हिन्दू बहन बेटियों के साथ दुव्र्यवहार एवं दुष्कर्म के घृणित कृत्य किए जा रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि यह अत्यन्त चिन्ताजनक घटनाएं समस्त भारत के हिन्दू समुदाय को व्यथित और दु:खी कर रही है और इन घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक प्रतीत होता है कि भारत और हिन्दू समाज की इस्लामिक कट्टरपंथ के वैश्विक एजेण्डे के प्रति सजम और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि हमारी यह मांग है कि इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान निकाला जाए और बांग्लादेश में हिन्दूओं के अधिकारों की रक्षा की जाएं। ज्ञापन में कहा गया कि राजनीतिक और धार्मिक कारणों से प्रेरित यह कृत्य प्रत्यक्ष तौर पर बांग्लादेश सरकार की नाकामी को उजागर करते है। ज्ञापन में कहा गया कि बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार, उत्पीडऩ, मारपीट की इन घटनाओं से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई दिनों से हो रहे अत्याचार की घटनाओं के बाद भी बांग्लादेश सरकार पंगु बनी हुई है। ज्ञापन में कहा गया कि दु:ख की इस घड़ी में सम्पूर्ण देश न केवल बांग्लादेश के पीडि़तों के साथ खड़ा है बल्कि आक्रोशित भी है। इस अवसर पर राष्ट्रपति से पुरजोर मांग की गई है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के लिए बांग्लादेश सस्कार पर दबाव डाला जाए और ताकि यहां के पीडि़त नागरिक निर्भय होकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। ज्ञापन में कहा गया कि शीघ्र ही कार्यवाही न होने पर आंदोलन को और तेज किया जायेगा।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय व्यापार मंडल की ओर से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में व्यापारियों ने स्वेच्छा से दोपहर एक बजे तक दुकान बंद रखा गया और राष्ट्रीय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि बांग्लादेशी हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार गलत है और इसके खिलाफ मिलकर आवाज उठानी चाहिए। इस दौरान उनका कहना है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी विचारधारा के लोग जिस प्रकार से हिंदू महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार कर रहे हैं और मंदिरों को भी निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि वह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है और जिसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की तस्वीर सामने आने के बाद से मन विचलित है। उन्होंने कहा कि ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी है कि बांग्लादेश में हिंदूओं पर हुए हो रहे अत्याचार को किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। इस अवसर पर विभिन्न राजनैतिक दलों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों, हिन्दूवादी संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल रहे।

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