मुस्कान बिखेरते सीएम धामी

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आन्दोलनकारियों को राखी का पुष्कर ने दिया गिफ्ट
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे वह हर इंसान के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए हमेशा आगे बढे हैं और यही कारण है कि आज राज्य के अन्दर मुख्यमंत्री की स्वच्छ कार्यशैली से हर इंसान कायल हो रखा है। चौबीस साल से आंदोलनकारी अपने सपनों का उत्तराखण्ड देखने की चाहत मे रहे हैं और उनकी इस चाहत को चार चांद लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने कोई कसर नहीं छोडी और हमेशा वह आंदोलनकारियों को मंच से लेकर सरकारी कार्यक्रमों मे सम्मानित करते हुये नजर आये हैं जिसके चलते आंदोलनकारियों को यह सुकून मिलता रहा है कि राज्य का युवा मुख्यमंत्री आंदोलनकारियों की भावनाओं का किस तरह से आदर करता आ रहा है। अब रक्षा बंधन से पहले मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी नौकरियों मे आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण पास करने का जो बिल राजभवन भेजा था उस पर मोहर लगी तो आंदोलनकारियों के चेहरे खिल गये कि मुख्यमंत्री ने उन्हें राखी का एक बडा गिफ्ट दिया है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों की आरक्षण को लेकर चली आ रही मांग को पूरा कर उनके दिलों मे अपनी बडी जगह बना ली और उन्हें संदेश दिया कि वह हमेशा साथ लेकर चलने मे ही विश्वास रखते हैं और मुख्यमंत्री के इस फैसले का सोशल मीडिया पर भी खूब प्रचार हो रहा है कि उन्होंने आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देकर उनकी भावनाओं मे चार चांद लगा दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे वह राज्य को एक नई दिशा मे ले जाने के लिए आगे बढते जा रहे हैं और यही कारण है कि उनके शासनकाल मे सडकों पर कहीं आंदोलन की बयार देखने को नहीं मिलती। मुख्यमंत्री राजनीति को एक बेहतर दिशा मे ले जाने के लिए हमेशा आगे बढे हैं और वह सबका साथ सबका विकास के एजंेडे पर ही आगे बढ़ते हुए दिखाई दिये हैं जिसके चलते राज्य की जनता उन्हें उत्तराखण्ड का हृदय सम्राट भी मानने लगी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जो कि आंदोलनकारियों को हमेशा एक बडा सम्मान देने के लिए आगे बढते रहे हैं उन्होंने हर मंच पर राज्य आंदोलनकारियों का सम्मान करने का जो सिलसिला शुरू कर रखा है उसी के चलते राज्य आंदोलनकारी कभी भी मुख्यमंत्री के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हुए नजर नहीं आये क्योंकि उन्हें इस बात का इल्म है कि वह जब भी मुख्यमंत्री के सामने आंदोलनकारियों की भावनाओं को लेकर उनके पास जायेंगे तो उनकी हर मांग को वह हरी झंडी दे देंगे।
बता दें कि एक लम्बे अर्से से राज्य आंदोलनकारी सरकारी नौकरियों मे क्षैतिज आरक्षण दिये जाने की मांग उठाते रहे हैं और उनकी इस मांग पर पूर्व सरकारों ने कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को विश्वास दिला रखा था कि उन्हें सरकारी नौकरियों मे क्षैतिज आरक्षण देने के लिए सरकार जल्द कोई न कोई बडा कदम उठायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी नौकरियों मे आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण दिये जाने को लेकर लम्बा मंथन व चिंतन किया और आखिरकार रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व उन्होंने एक लम्बे अर्से से आंदोलनकारियों की सरकारी नौकरियों मे क्षैतिज आरक्षण दिये जाने की मांग पर अपनी मोहर लगाते हुए उसे राजभवन भेज दिया था और उसी पर राजभवन ने रक्षाबंधन से एक दिन पहले अपनी मोहर लगा दी। आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देकर मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन का उन्हें एक बडा गिफ्ट देकर राज्य मे अपनी एक बार फिर बडी धमक दिखा दी है। केदारनाथ उपचुनाव व नगर निकायों के होने वाले चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों मे क्षैतिज आरक्षण देकर विपक्ष को राजनीतिक पिच पर कहीं न कहीं ढेर कर दिया है।

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