देहरादून(नगर संवाददाता)। त्यौहारी सीजन में मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री करने वाले सक्रिय हो गए है। खाद्य सुरक्षा विभाग की इन पर पैनी नजर रहेगी। मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने पुख्ता तैयारियां की हैं। राज्य में मिलावट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके तहत मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आम जनमानस को त्यौहारी सीजन में शुद्ध एवं गुणवत्तापरक सामग्री उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह द्वारा अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम गठित करते हुए संदिग्ध कारोबारियों को चिन्हित करते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह ने कहा दीपावली पर दूध, मावा, पनीर और मिठाइयों जैसे खाद्य पदार्थों में भारी मिलावट की शिकायतें लगातार सामने आती रहती हैं। उन्होंने कहा कि इससे जनहानि या बीमारियों जैसे नुकसान की आशंका बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए इस बार ये विशेष अभियान चलाया जा है। उन्होंने कहा कि राज्य में दुकानों व बड़े किराना व्यापारियों के गोदामों पर छापा मारने और संदिग्ध खाद्य सामग्री का सैंपल लेकर जांच को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच में आटा, बेसन, मसाले, कुट्टू का आटा, तेल, घी, दूध, पनीर, मावा और मिठाई पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि मिलावटी सामान की समय पर सेंपलिंग व जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
इस अवसर पर अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह ने कहा मिलावटी खाद्य पदार्थो का सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि कई गंभीर बीमारी केवल ऐसे पदार्थो का सेवन करने से ही होती हैं। उन्होंने कहा कि आसपास यदि कोई मिलावटी खाद्य पदार्थो की बिक्री करता है और बनाता है तो उसकी शिकायत हेल्पलाइन नंबर टोल फ्री नंबर पर की 18००18०4246 जा सकती है। उन्होंने कहा कहीं भी खाना खरीदने और खाने पर उसका बिल प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि शिकायत के लिए बिल सहायक होता है।
इस अवसर पर अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह ने कहा कि जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल मैं निकटवर्ती राज्य के एंट्री चेक पॉइंट पर खाद्य संरक्षण विभाग के अधिकारियों को लगातार चैकिंग करने व छापामारी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में चलाए गए अभियानों में यह बात निकाल कर आई है कि प्रदेश में ज्यादातर निम्न गुणवत्ता की खाद्य सामग्री की आपूर्ति राज्य के मैदानी जनपदों से लगे हुए सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के जनपदों से की जाती है। इस अवसर पर अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खाधय पदार्थों की जांच रिपोर्ट में टाल मटोल व लेटलतीफी न करें। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों के प्राप्त नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच करते हुए तत्काल संबंधित जनपदों को विश्लेषण रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए ताकि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह ने जनता से अपील करते हुए कहा कि कहीं भी संदिग्ध खाद्य पदार्थों की बिक्री एवं आपूर्तिकर्ताओं की सूचना विभागीय टोल फ्री नंबर 18००18०4246 पर भी विभाग को उपलब्ध कराये ताकि उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके ।