जंगल धधक रहे, बेजुबान मारे जा रहे गवर्नर साहब बेसुध:मोर्चा

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विकासनगर(संवाददाता)। उत्तराखण्ड जन संघर्ष मोर्चा ने एक बार फिर दहाड़ लगाई है कि उत्तराखण्ड के जंगल धधक रहे हैं और बेजुबान मारे जा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी राज्यपाल खामोशी साधे हुये हैं और उन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि वनाग्नि मामले मे महामहिम वन मंत्री का ही इस्तीफा ले लो। मोर्चा दहाड़ रहा है कि प्रदेश मे अब तक सैकडो हैक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुके हैं लेकिन सरकार बेपरवाह बनी हुई है। जन संघर्ष मोर्चा धधक रहे जंगलों को लेकर जिस तरह से राज्यपाल को कटघरे मे खडा करने के लिए सामने आया है उसके चलते यह सवाल बडा हो चला है कि क्या राज्यपाल सरकार को गर्मियों का मौसम शुरू होते ही आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कोई बडी रणनीति तैयार करने का आदेश देंगे। जंगलों मे लगी आग पर मुख्यमंत्री ने ही बडी पहल के तहत अफसरों को वनो मे लगने वाली आग पर दो टूक आदेश दिये थे कि वह बारिश के भरोसे न रहे और नैनीताल के जंगलों मे लगी आग पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री ने वायुसेना और एनडीआरएफ को मैदान मे उतारा है। ऐसे मे यह सवाल खडा हो रहा है कि आखिरकार हर साल जंगलो मे लगने वाली आग का आंकलन जब वन महकमा करता रहा है तो उन्होंने पहले से ही ऐसा खाका क्यों नहीं तैयार किया कि जंगलों मे लगने वाली रहस्यमय आग पर काबू पाने के लिए कोई बडी रणनीति के तहत वह धरातल पर काम करते?
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के बेशकीमती जंगल (वन संपदा) आग से धधक रहे हैं तथा बेजुबान वन्य जीव काल का ग्रास बन चुके हैं, लेकिन राजभवन सरकार पर चाबुक चलाने के बजाय चुपचाप तमाशा देख रहा है। नेगी ने कहा कि वनाग्नि काल से पूर्व सरकार को इसके उपायों पर होमवर्क करना चाहिए था, लेकिन सरकार को फुर्सत ही नहीं थी। एक तरफ जहां करोड़ों- अरबों रुपया फिजूलखर्ची में पानी की तरह बहाया जा रहा है, वही पैसा अगर आग बुझाने के इंतजामों (उपकरणों) पर खर्च किया होता तो यह नोबत नहीं आती। नेगी ने कहा कि वनों की आग जिस प्रकार विकराल रूप धारण कर चुकी है, राजभवन को तत्काल बड़ी मात्रा में हेलीकॉप्टर्स को आग बुझाने के काम में लगाने हेतु सरकार को निर्देशित करना चाहिए था, लेकिन गवर्नर साहब को फुर्सत नहीं!
नेगी ने कहा कि वर्ष 2०15 से 2०24 तक (आज तक) वनाग्नि काल में लगभग 2० हजार हेक्टेयर जंगल खाक हो चुके हैं, जबकि कागजों में सरकार द्वारा प्रदेश के तमाम वन प्रभागों के अंतर्गत क्रू स्टेशन व वॉच टावर स्थापित किए हुए हैं तथा कई अन्य इंतजाम भी किए हुए हैं, लेकिन वो इंतजामात नाकाफी हैं। मोर्चा ने तंज कसते हुए कहा कि सुना है सरकार इनाम रखे है आग बुझाने पर मोर्चा राजभवन से नींद त्याग कर वन मंत्री को बर्खास्त करने एवं सरकार पर चाबुक चलाने की मांग करता है। जन संघर्ष मोर्चा ने जंगलों पर लगी आग पर जिस तरह से राज्यपाल और वन मंत्री को कटघरे मे खडा किया है उससे सवाल खडे हो रहे हैं कि क्या सरकार उन अफसरों की जिम्मेदारी सख्ती के साथ तय करेगी जिन पर जंगलों की रक्षा करने का दायित्व है?

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