केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेसी दिग्गज भीतरघात की लिखेंगे पटकथा!

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने तीन साल में दबंग राजनीति करने का जो आईना राज्य की जनता को दिखाया है उससे राज्य की जनता मुख्यमंत्री को राजनीति का चाणक्य मानने लगी है और उनका मानना है कि जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री हर चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए व्यूहरचना रचते हैं उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव में जीत का जो झंडा बुलंद किया है उससे राज्य के अन्दर विपक्षी दल राजनीतिक जमीन पर धडाम होते हुए नजर आ रहे हैं? उत्तराखण्ड में अब हर तरफ यह आवाज उठ रही है कि मुख्यमंत्री ने केदारनाथ उपचुनाव जीतने के लिए जो रणनीति तैयार की है उसके चलते वह केदारनाथ उपचुनाव में जीत का अध्याय लिखेंगे? मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के अन्दर विपक्ष को राजनीतिक जमीन पर पछाडने का जो मोर्चा खुद संभाल रखा है उससे साफ नजर आ रहा है कि केदारनाथ उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री के बिछाये चक्रव्यूह में कांग्रेसी दिग्गज फसते हुए नजर आयेगे? केदारनाथ उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने जहां जीत की पठकथा लिखने के लिए वहां बिसात बिछा रखी है वहीं कांग्रेस के छत्रप केदारनाथ में भाजपा को चुनावी रणभूमि में ढेर करने का कोई ऐसा प्लान अभी तक तो नहीं बना पाये हैं जिससे कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के मन में एक जोश रहे कि केदारनाथ उपचुनाव में वहां की जनता हाथ का दामन थामेगी?
छात्र राजनीति से सक्रिय राजनीति में अपने कदम रखने वाले युवा राजनेता व मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जबसे उत्तराखण्ड में सरकार चलाने का दायित्व भाजपा हाईकमान ने सौंपा है तबसे मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के अन्दर राजनीति की ऐसी बिसात बिछाते आ रहे हैं कि उनके चक्रव्यूह में कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता फंसते चले गये और उनके बीच आपसी कोल्डवार से कांग्रेस लम्बे समय से हाशिये पर जाती हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चाणक्य राजनीति से सत्ता चलाने का जो हुनर दिखाया है उससे हर वो साजिशकर्ता और विपक्षी नेता मुख्यमंत्री की व्यूहरचना को कभी भी भेद पाने में सफल नहीं हो पाये हैं। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ राजनीति के साथ दबंग राजनीति को भी अपना प्रमुख हथियार बना रखा है। उत्तराखण्ड के मंगलौर और बद्रीनाथ में हुये उपचुनाव में भाजपा के कुछ जयचंदो ने एक साजिश के तहत मुख्यमंत्री को कमजोर करने के लिए जो चाल चली थी उसमे वह जरूर कामयाब हो गये थे लेकिन अब केदारनाथ उपचुनाव में कोई भी जयचंद साजिश का खेल न खेल सके इसके लिए मुख्यमंत्री ने केदारनाथ उपचुनाव की जीत के लिए ऐसी व्यूहरचना रची है कि उसे कांग्रेस का कोई भी राजनेता संभवत: नहीं भेद पायेगा? मुख्यमंत्री ने केदारनाथ उपचुनाव में कमल खिलाने के लिए एक बडे विजन के साथ खुद मोर्चा संभाल लिया है और केदारनाथ के विकास के लिए उन्होंने जो एक लम्बीचौडी घोषणायें की हैं उससे मुख्यमंत्री चुनाव से पहले ही एक बडी जीत का मास्टर स्ट्रोक लगा चुके हैं? मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और संगठन के लोगों को केदारनाथ में घर-घर तक डबल इंजन सरकार की विकास योजनाओं का आईना दिखाने के लिए उन्हें मैदान में उतार रखा है। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ के विकास को लेकर अपने कार्यकाल में जिस विजन के साथ अपने कदम आगे बढा रखे हैं उससे वहां की जनता मुख्यमंत्री की दुर्गामी सोच से गदगद नजर आती है।
उत्तराखण्ड के गलियारों में अब यह आवाज सुनने को मिल रही है कि केदारनाथ उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अलर्ट हैं और वहां चप्पे-चप्पे पर जनता की राय ली जा रही है कि वह केदारनाथ में हो रहे विकास को लेकर कमल खिलाने के लिए कितनी उत्सुक है? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संगठन की टीमें केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव से पहले वहां के एक-एक व्यक्ति के मन मे चुनाव को लेकर चले आ रहे मंथन को स्कैन कर रही है और यह पता लगाने के एजेंडे पर लम्बे समय से आगे बढी हुई है कि केदारनाथ उपचुनाव में उन्होंने किस राजनीतिक दल में अपने जनपद का विकास खोजा है? यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं में केदारनाथ उपचुनाव को लेकर जिस तरह अभी कोई जज्बा देखने को नहीं मिल रहा है उससे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के मन में चुनाव से पहले ही उनका जोश बर्फ की तरह ठंडा नजर आ रहा है ऐसे में वहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कमल खिलाने के लिए आगे आयेंगे इसमें कोई शंका नजर नहीं आती?

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