हर तरफ आ रही आवाज उत्तराखण्ड का चांद है धामी

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि एक समय ऐसा आयेगा कि राज्य को मुख्यमंत्री के रूप में देश के प्रधानमंत्री ऐसा राजनीतिक सितारा उत्तराखण्ड की जनता को देंगे कि हर तरफ एक ही आवाज उठेगी कि युवा राजनेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर इतनी देर से क्यों विराजमान किया? उत्तराखण्ड के अन्दर हर तरफ फ्लावर की तरह खिलखिला रहे मुख्यमंत्री ने आवाम के दिलों में जो एक नई रोशनी पैदा की है उससे उत्तराखण्ड हर तरफ गुलजार होता हुआ ही दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ने तीन साल के कार्यकाल में राज्य की जनता के सामने अपने आपको जिस रूप में पेश किया है उससे आज वह उत्तराखण्डवासियों के दिलों में राज करने लगे हैं और अब तो उत्तराखण्ड की वादियों में एक ही आवाज बार-बार गूंज रही है कि सीएम धामी उत्तराखण्ड के चांद हैं जो हर रोज चांद की तरह चमकते हुए आवाम के बीच जाकर उन्हे यह अहसास दिला रहे हैं कि वह उनके अपने हैं।
बाइस साल के दौर के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाकर उन्हें राज्य के अन्दर पनपते आ रहे भ्रष्टाचार और घोटालों का अंत करने का मिशन दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी के बताये मिशन पर सरकार चलाने का सिलसिला शुरू किया और उन्होंने अपने कार्यकाल में एक के बाद एक दबंग फैसले इसलिए लिए क्योंकि भाजपा हाईकमान ने उन्हें हर फैसला लेने के लिए खुली छूट दे दी थी। मुख्यमंत्री की धमक ही है कि उन्होंने राज्य में पनपते आ रहे भ्रष्टाचार और घोटालों को नेस्तनाबूत करने की दिशा में धाकड रूप अपनाया और उनके इस रूप को देखकर राज्य की जनता उन्हें अपना राजनीतिक चांद मानने लगी। राज्यवासियों के मन में मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर जो एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है उसको लेकर राज्यवासी गदगद नजर आ रहा है। गजब की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब भी किसी समारोह में शामिल होने के लिए जाते हैं तो वहां वह सबको एक ही संदेश देते हैं कि सब उनका परिवार हैं और वह बार-बार यह ऐलान करते आ रहे हैं कि उत्तराखण्ड मेरा परिवार है। सैनिक पुत्र ने सरकार चलाने के लिए आवाम के सामने अपना फ्लावर रूप रखा तो उससे राज्य की जनता के मन में एक नई उमंग पैदा हो गई कि आज उनका मुख्यमंत्री सबका दिल अजीज है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता चलाने के दौरान कभी भी अहंकार का भ्रम नहीं पाला और वह स्वच्छ राजनीति करने में ही विश्वास दिखाकर आगे बढते जा रहे हैं। आज उत्तराखण्ड के बच्चे से लेकर मातृशक्ति भी मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर यह महसूस कर रही है कि वास्तव में अब लग रहा है कि उन्हें अपना उत्तराखण्ड मिल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सौम्य रूप को देखकर हर तरफ एक ही आवाज सुनने को मिल रही है कि सीएम धामी उत्तराखण्ड का चांद है जो रोज अपनी रोशनी से उत्तराखण्ड को रोशन कर रहा है। मुख्यमंत्री के प्रति आज आवाम में जो आस्था का नया संचार हो रखा है उसी का परिणाम है कि राज्य आज खुशहाली के दौर में आगे बढ रहा है और आवाम अपने राजनीतिक चांद को हर रोज चमकता हुआ देखने की चाहत में नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड का गठन सिर्फ इसलिए हुआ था कि उनके अपने प्रदेश में हर तरफ विकास की नई गाथा लिखी जायेगी और उनके बीच का जो राजनेता मुख्यमंत्री बनेगा वह राज्यवासियों को अपना परिवार मानकर उन्हें गले से लगाता रहेगा। आवाम की यह सोच राज्य में अधिकांश एक्स सीएम के कार्यकाल में तार-तार होती चली गई और अपनी आलोचना सहने का बूता न रखने वाले कुछ एक्स सीएम हर उस आवाज को कुचलने के एजेंडे पर आगे बढते चले गये जो राज्य में दिखाई दे रहे सच को आवाम के सामने परोसने के लिए आगे आ रहा था। चंद एक्स सीएम तो हिटलर अंदाज में सरकार चलाते रहे और उनके शासनकाल में हर उस आवाज को रोंद दिया गया था जिसने उनके कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार और घोटालों को बेनकाब करने का सिलसिला शुरू कर रखा था। उत्तराखण्ड में बाइस सालों के दौर में कुछ एक्स सीएम के कार्यकाल में काला अध्याय लिखा जाता रहा और राज्य की जनता यह सोचने के लिए मजबूर होती रही कि आखिरकार उन्होंने उत्तराखण्ड का गठन करने के लिए खुद यातनायें क्यों सही थी?

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