काठबंगला व गब्बर सिंह बस्ती के लोगों ने किया विरोध

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देहरादून। एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई को लेकर प्रभावित लोगों व अन्य बस्तियों के साथ ही गब्बर सिंह बस्ती के लोगों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के साथ ही एमडीडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जाम लगाकर धरने पर बैठ गये। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया।
यहां राजधानी दून के राजपुर क्षेत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर नगर निगम, एमडीडीए तथा मसूरी नगर पालिका द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में चिन्हित अवैघ कब्जों को हटाने पहुंचे तो वहां पर लोगों का गुस्सा फूट गया और इस दौरान भारी फोर्स के साथ पहुंची मसूरी विकास प्राधिकरण एमडीडीए की टीम ने राजपुर क्षेत्र के काठ बंगला बस्ती व गब्बर सिंह बस्ती में भवनों के ध्वस्तीकरण का अभियान चलाने पहुंची तो इस दौरान जमकर विरोध किया गया।
आज एमडीडीए की कार्यवाही से पूर्व बड़ी संख्या में राजपुर क्षेत्र की इस आवासीय बस्ती काठबंगला के लोग विरोध करते नजर आए। प्रदर्शनकारियों ने काठ बंगला पुल पर धरना देते हुए जाम भी लगाया। इस दौरान रोते-बिलखते प्रदर्शनकारी सरकार पर नाइंसाफी का आरोप लगाते हुए कहते दिखायी दिये कि उन्होंने पैसे देकर जमीन खरीदी है, लेकिन प्रशासन की ओर से भारी संख्या में भेजे गए पुलिस बल ने प्रदर्शन कर रहे प्रभावित परिवारों की एक न सुनी और उनको वहां से हटा दिया।
राजपुर क्षेत्र के काठ बंगला बस्ती में भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच काठ बंगला व गब्बर सिंह बस्ती समेत आस-पास के 25० से अधिक चिन्हित अवैघ निर्माण के साथ तैयार भवनों के ध्वस्तीकरण दोपहर तक नहीं हो पाया था क्यों कि इस दौरान जबरदस्त विरोध चल रहा था। उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देहरादून प्रशासन को रिस्पना नदी में वर्ष 2०16 के बाद हुए अवैघ निर्माण को चिन्हित कर उन्हें ध्वस्त किए जाने के आदेश दिए थे। इस आदेश का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि एनजीटी द्वारा आदेशित प्रक्रिया को एमडीडीए, नगर निगम देहरादून तथा मसूरी नगर पालिका द्वारा पूर्ण किया जाना है और जबकि एमडीडीए कार्यवाही शुरू कर चुका है और यह ध्वस्तीकरण का अभियान अभी जारी रहेगा।

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