देहरादून। रायपुर डोभाल चौक पर हुए गोलीकांड को लेकर आज सड़कों पर लोगों का आक्रोश दिखा। आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग को लेकर लोग अड़े हैं। वहीं रिस्पना छह नंबर पर पुलिया चौक पर लोगों ने जाम लगा दिया। इस गोलीकांड से आवाम काफी आक्रोश मे है और उनका साफ कहना था कि सूदखोर और कुख्यात पर किसी न किसी का हाथ है जिसके चलते वह राजधानी मे दबंगई से अपराध करने का खुला खेल खेल रहा है। इस हत्याकांड से सूदखोर और उसके द्वारा पाले जा रहे कुख्यात बदमाशों को लेकर राजधानी मे एक नई बहस का जन्म हो गया है कि अगर वर्षों बाद राजधानी मे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाशों ने अपना तांडव दिखाना शुरू किया है तो यह उसके लिए एक खतरे की घंटी है।
गौरतलब है कि रायपुर का डोभाल चौक पर गिरवी रखी कार को वापस लेने गए तीन लोगों को रिहायशी इलाके में बदमाशों ने गोली मार दी। इसमें एक व्यक्ति गोली लगने के बाद भागा और कुछ दूरी पर नाले में जा गिरा। रातभर पुलिस और परिजनों ने तलाश की। सात घंटे बाद सोमवार सुबह छह बजे उसका शव नाले से बरामद हुआ। इससे पहले दो घायलों को रात में ही अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो पेशेवर बदमाश बीच शहर से होते हुए आशारोड़ी बैरियर तोड़कर भाग निकले। पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उधर, शव मिलने के बाद स्थानीय निवासियों ने आरोपियों के घर पर पथराव भी किया। स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।एसएसपी अजय सिंह ने बताया, डोभाल चौक के पास गढ़वाली कॉलोनी में रहने वाला देवेंद्र कुमार उर्फ सोनू भारद्वाज ब्याज का काम करता है। वह लोगों की चल और अचल संपत्तियों को गिरवी रख ब्याज पर पैसे देता है। नेहरू ग्राम निवासी दीपक बडोला ने 15 जून को अपनी कार पुरानी कार का कारोबार करने वाले सागर यादव को बेचने के लिए दी थी। लेकिन, अगले दिन रविवार को दीपक बडोला को पता चला कि सागर ने कार बेचने के बजाय उसे सोनू भारद्वाज के पास साढ़े तीन लाख रुपये में गिरवी रख दी।
दीपक बडोला ने सागर यादव से अपनी कार मांगी तो उसने गालियां देकर बडोला को भगा दिया। इस पर बडोला ने सोनू भारद्वाज से कार वापस मांगी। वहां भी बडोला के साथ यही सलूक हुआ। इसके बाद बडोला रविवार रात करीब साढ़े 1० बजे दो दोस्तों सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी को लेकर सोनू भारद्वाज के घर पहुंच गए। सोनू भारद्वाज के घर पर पहले से ही उसका भाई मोनू भारद्वाज, पेशेवर बदमाश रामबीर, मनीष, अंकुश और योगेश आदि शराब पी रहे थे। जैसे ही दीपक बडोला और उनके साथी गेट पर पहुंचे इन सभी ने उन पर गोलियां चला ली। एक गोली दीपक बडोला के गले में और दूसरी पेट में लगी। बाकी दोनों को पेट में गोली लगी थी। दीपक बडोला घायल हालत में ही वहां से भाग गया, जबकि क्षेत्री और नेगी सोनू भारद्वाज के गेट पर ही गिर गए। क्षेत्री के परिजन उन्हें कैलाश अस्पताल ले गए और पुलिस ने नेगी को दून अस्पताल में भर्ती करा दिया। बाद में दोनों को इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर परिजन और पुलिस सुबह तक दीपक की तलाश करते रहे। इसके बाद सोमवार सुबह छह बजे बडोला का शव डोभाल चौक के पास करीब 1० फीट गहरे नाले से बरामद हुआ। रात में इस घटना को अंजाम देने के बाद रामबीर और मनीष कार लेकर भाग निकले। पुलिस ने पीछा किया तो आशारोड़ी बैरियर तोड़ते हुए पास ही में कार खड़ी कर जंगल रास्ते भाग निकले। एसएसपी अजय सिंह ने बताया, मामले में सोनू भारद्वाज, मोनू भारद्वाज निवासी गढ़वाली कॉलोनी और सागर यादव निवासी नेहरू ग्राम को गिरफ्तार कर लिया गया है। रामबीर के खिलाफ पहले भी हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। वर्तमान में वह रायपुर में ही 2०2० में हुई एक हत्या के मामले में पैरोल पर जेल से बाहर चल रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने राजस्थान में रामवीर को मुठभेड़ में पकडा है लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार रामवीर के कौन-कौन संरक्षणदाता उसे हमेशा बचाने का खेल खेलते रहे हैं?