दूनवासियों को मिल पाएगी रामवीर जैसे दुर्दांतो से मुक्ति…..
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री और डीजीपी ने 2025 तक उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का संकल्प ले रखा है और अपराधियों को साफ अल्टीमेटम दे रखा है कि अगर उन्होंने अपराध करने का दुसाहस किया तो उसका उन्हें बडा परिणाम भुगतना पडेगा। डीजीपी के इस अल्टीमेटम से जेलों मे कुख्यात अपराधियों ने अपराध करने से अपने हाथ पीछे खींच रखे हैं लेकिन राजधानी मे लम्बे अर्से से आतंक मचाकर अपनों को ही मौत के घाट उतारने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात ने अपने साथियों के साथ तीन निर्दोषों पर ताबडतोड गोलियां चलाकर एक को मौत की नींद सुलाया तो दो को गंभीर रूप से घायल कर पुलिस महकमे को खुली चुनौती दे दी। एक साथ तीन लोगों को गोलियों से भूनने वाले सूदखोर और उसके कुख्यात साथियों को लेकर आवाम के मन मे एक बडा गुस्सा पनप रहा है और अब सवाल तैरने लगे हैं कि क्या सूदखोर भारद्वाज के साम्राज्य पर धामी का बुलडोजर चलेगा या नहीं? दूनवासियों के मन मे इस बात को लेकर एक बडा सवाल खडा हो रखा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दुर्दांत से उन्हें कभी मुक्ति मिल भी पायेगी या इसी तरह से वह बार-बार लोगों का कत्ल करके सडकों पर उनका खून बहाता चला जायेगा?
उल्लेखनीय है कि रविवार रात्रि में हुए गोली कांड के बाद अब चारों ओर यही चर्चा है कि क्या अपनी गाड़ी वापस मांगने पर अपनी जान से हाथ धोने वाले बडोला परिवार के चिराग ‘रवि बडोला’ को न्याय मिल पाएगा जिस तरह से लगातार रामवीर और देवेंद्र भारद्वाज अपना साम्राज्य बैखोफ होकर पुलिस और प्रशासन के नाक के नीचे खुलेआम चला रहे थे।उससे इनके अंदर कहीं भी पुलिस प्रशासन का भय जैसा नहीं देखने मे आया है। वर्ना इतनी छोटी सी बात पर इतने भयावह घटनाक्रम को अंजाम देना और तीन लोगो पर खुलेआम अवैध हथियारों से गोलियां बरसाना यह तो कोई दुर्दांत अपराधी ही कर सकते हैं। पैसों और अपने संरक्षको की ताकत के नशे मे चूर भारद्वाज जैसा व्यक्ति पिछले कई सालों से स्थानीय हिस्ट्रीशीटर पंकज जिसकी पूर्व मे यतेंद्र चौधरी रामवीर द्वारा हत्या कर दी गई और उसके बाद यतेंद्र चौधरी,रामवीर जैसे जिन पर की उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हत्या जैसे गंभीर अपराध दर्ज हों को शरण देकर क्षेत्र में अपने भय का माहौल बनाएं रहा पूर्व में भी कई अपराधो का केंद्र होने के बावजूद भारद्वाज अपने पैसे और स्थानीय राजनेताओं के संरक्षण में बचता रहा और आज इस नृसंश हत्याकांड को अंजाम दिया।
बताया जाता है कि इसी भय और डर के माहौल के चलते एक छोटे से दुकान से देवेंद्र भारद्वाज अपना इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर पाया। चाहे कोई विवादित संपत्ति हो या किसी की छोटी मोटी पैसे की जरूरत हो जो इनके चंगुल में फंसे वह फिर बमुश्किल ही बाहर आ पाए।सुनने वाला कोई नहीं क्योंकि इनको कुछ सफेदपोशों का संरक्षण और गुंडे बदमाशो का साथ प्राप्त रहा। यहां तक कि इनके गुर्गे भी जो ब्याज की वसूली के लिए जाते हैं वह भी आम आदमी से बड़ी ही बदतमीजी से पेश आते हैं चाहे महिला हो,बुजुर्ग या पुरुष,जिसके कागज इनके पास चले गए वह किसी बड़े व्यक्ति या पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी शायद वापिस मिलते हो।
सुनने में तो यहां तक आता है कि इनके पास अवैध हथियारों का जखीरा है जो की वक्त बेवक्त यह लोगो को डराने धमकाने में इस्तेमाल करते हैं।अब देखने वाली बात यह है कि धाकड़ धामी जिन्होंने प्रदेश को भय व अपराध मुक्त रखने की कसम खा रखी है जिसकी बानगी अभी हाल ही में हुए नानकमत्ता कांड में देखने को मिली जिसमे की स्पेशल कॉप के नाम से मशहूर राज्य के डीजीपी अभिनव कुमार ने ऑपरेशन को खुद मॉनिटरिंग करते हुए अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया था। क्या आज फिर आम जनता को भी वह न्याय धाकड़ धामी और अभिनव कुमार द्वारा दिया जायेगा?
पुलिस की कमजोरी से बेखौफ होता रहा रामवीर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात रामवीर लम्बे अर्से से राजधानी के अन्दर अपराधजगत मे अपी धमक दिखाता आ रहा है और हमेशा विदेशी हथियारों के साथ लेस रहने वाले कुख्यात रामवीर ने दून मे अपना बडा नेटवर्क बना रखा है। अपनों को ही मौत की नींद सुलाने वाले रामवीर का आवाम के बीच एक बडा डर बना हुआ है और अब जिस तरह से इस हत्याकांड मे सूदखोर देवेन्द्र शर्मा उर्फ भारद्वाज पकडा गया है उसे अगर पुलिस रिमांड पर लेकर विदेशी हथियारों के बारे मे पूछताछ करने के लिए आगे आये तो उसे हथियारों का जखीरा भी मिल सकता है? रामवीर हत्यायें करता चला गया और राजधानी की पूर्व मे दिखने वाली कमजोर पुलिस के पैमाने को कुख्यात रामवीर भांपता चला गया और उसी के चलते वह राजधानी मे अपराध करने का बादशाह बनने की फिराक मे जिस तेजी के साथ आगे बढ रहा था उसका साम्राज्य ध्वस्त करना अब पुलिस महकमे केे लिए एक बडी चुनौती ही माना जा रहा है और अब दिलेर पुलिस की रामवीर को लेकर उसकी अग्निपरीक्षा शुरू हो गई है।