विद्युत विभाग पर दहाड़े रघुनाथ

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विकासनगर/देहरादून(संवाददाता)। विद्युत विभाग द्वारा बीपीएल परिवारों के विद्युत लोड़ बढ़ाने के नाम पर उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है, इतना ही नहीं विभाग द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन किये उनके लोड़ भी एक किलोवाट से सीधे तीन किलोवाट कर दिये गये है जिससे फिक्सड चार्ज इतना बढ़ गया है कि उनके लिए बिल चुकाना बहुत बड़ी आफत बन गया है। जन संघर्ष मोर्चा ने मांग की है कि यूपीसीएल की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत का संज्ञान लेते हुए जनता को न्याय दिलाया जाये। जन संघर्ष मोर्चा लंबे समय से विद्युत विभाग की हठधर्मिता को लेकर अपनी आवाज बुलंद करता आ रहा है और अब जिस तरह से बीपीएल परिवारों के साथ यूपीसीएल विभाग द्वारा लोड़ बढ़ाकर उन पर एक बडा बोझ डाला गया है उससे जन संघर्ष मोर्चा ने उन्हें न्याय दिलाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ा लिये है।
यहां जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते प्रदेश भर के उपभोक्ताओं की जान पर बन आई है और विभाग द्वारा बीपीएल परिवारों के विद्युत लोड बढ़ाने के नाम पर बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन किए, जिस घर में एक- दो बल्ब हैं ,उनके लोड भी एक किलोवाट से सीधे तीन किलो वाट कर दिए गए, जिससे फिक्स्ड चार्ज इतना बढ़ गया है कि बिल चुकाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। इस दौरान नेगी ने कहा कि विभागीय लापरवाही के चलते एक बीपीएल परिवार का एक किलोवाट का संयोजन तीन किलोवाट कर दिया गया, जिसमें दो माह की यूनिट 4० खपत हुई ,जिसका बिल 644 रूपये विभाग द्वारा भेजा गया है, जिसमें 51० रुपए फिक्स्ड चार्ज के लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार लगभग 16 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से उक्त पीडि़त उपभोक्ता को पड़ी है। नेगी ने कहा कि विभाग को सुनिश्चित करना चाहिए कि एपीएल व बीपीएल परिवारों का जब भी विद्युत लोड बढ़ाएं, उसका भौतिक सत्यापन कर ही कार्रवाई करें, ऐसा न होने से गरीबों पर बहुत बड़ी मार पड़ रही है जोकि बहुत बड़ी लूट है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त विभाग अगर किसी उपभोक्ता का विद्युत लोड बढ़ा रहा है तो पूर्व में स्वीकृत लोड, उक्त लोड में से समायोजित न कर पूरे लोड का पैसा प्रति किलो वाट नए मानक के हिसाब से उपभोक्ताओं से वसूला रहा है तथा पूर्व में स्वीकृत लोड की धनराशि ही पुराने हिसाब से वापस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि अगर किसी व्यक्ति का एक किलोवाट का संयोजन है और उसका लोड तीन किलोवाट कर दिया गया है तो उस उपभोक्ता से दो किलोवाट का अतिरिक्त शुल्क ही लिया जाना चाहिए, लेकिन पूरे तीन किलोवाट का वर्तमान निर्धारित शुल्क लिया जा रहा है तथा पूर्व में स्वीकृत एक किलो वाट का पैसा पुराने हिसाब से वापस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोर्चा सरकार से मांग करता है कि यूपीसीएल की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत का संज्ञान लेकर जनता को राहत दिलाने का काम करें। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे।

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