बिल्डर की मौत के गुनाहगार सलाखों के पीछे

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देहरादून। राजपुर थाना क्षेत्रांर्तगत एक निर्माणाधीन इमारत से प्रदेश के सबसे बड़े बिल्डर द्वारा छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली गयी है। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्यवाही शुरू की। बताया जा रहा है कि मृतक बिल्डर द्वारा आत्महत्या से पूर्व प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम अपना सुसाइड नोट लिखा गया है। जिसमें शहर के कई बिल्डरों व सहारनपुर के कुछ लोगों को नामित किया गया है। प्रसिद्ध बिल्डर की आत्महत्या की गूंज उत्तराखण्ड मे गूंजी तो उसके बाद कई आशंकायें उठने लगी लेकिन इन आशंकाओं को हवा मे उडाते हुए पुलिस कप्तान ने जांच को सही दिशा मे ले जाने का आदेश दिया और डीजीपी ने भी साफ संदेश दिया कि इस मामले मे पारदर्शिता के साथ जांच की जाये डीजीपी के कार्यकाल मे कोई भी थानेदार या कोतवाल बडे से बडे मामले को दबाने का खेल नहीं कर सकता और यही कारण है कि मात्र दो घंटे के भीतर राजपुर पुलिस ने बिल्डर के आत्महत्या प्रकरण मे दो हाईप्रोफाइल लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया और यह संदेश दे दिया कि उत्तराखण्ड पुलिस भेदभाव से काम नहीं करती। इस हाईप्रोफाइल मामले मे जिस तेजी के साथ पुलिस ने अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया उसने उन सभी आशंकाओं को रद्दी की टोकरी मे डाल दिया जिसमे यह शोर मच रहा था कि इस मामले मे गुनाहगारों को पकडने के लिए पुलिस आगे नहीं आयेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के सबसे बड़े बिल्डर सतेन्द्र सिंह साहनी (बाबा साहनी) ने एक निर्माणाधीन इमारत से कूद कर आत्महत्या कर ली है। उन्होने पैसेफिक हिल्स के नजदीक एक निर्माणाधीन इमारत की आठंवी मजिल से छंलाग लगाकर अपनी जान दे दी है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मृतक बिल्डर सतेन्द्र सिंह साहनी के पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उन्होने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम यह सुसाइड नोट लिखा है। सुसाइड नोट में उन्होने अपनी आत्महत्या के कारणों का जिक्र करते हुए शहर के कई बिल्डर व सहारनपुर के कुछ लोगों को नामित किया गया है। वहीं उनकी आत्महत्या किये जाने के पीछे प्रदेश के एक बड़े कालेज के मालिक सहित एक भाजपा नेता का नाम भी चर्चाओं के केन्द्र में है। बताया जा रहा है कि बिल्डर बाबा साहनी कई दिनों से अपने काम को लेकर डिप्रेशन में थे। राजधानी दून में एक बड़ा प्रोजेक्ट बंद हो जाने व पार्टनर तथा प्रशासनिक दबाव के कारण उनके द्वारा यह कदम उठाया गया है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। इस मामले मे कुछ बडे-बडे लोग आरोपियों को बचाने के लिए उनकी पैरवी करते रहे लेकिन डीजीपी अभिनव कुमार ने इस मामले मे सही जांच करने का आदेश दिया तो उसके बाद पुलिस कप्तान अजय सिंह ने राजपुर थाना प्रभारी पीडी भट्ट को गंभीरता से जांच करने के आदेश दिये और जांच के दौरान पुलिस ने अनिल गुप्ता और अजय कुमार गुप्ता जो कि मूल रूप से सहारपुर के रहने वाले हैं तथा मौजूदा दौर मे वह कर्जन रोड डालनवाला मे रह रहे हैं।

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