जौनसार बावर की विशेष मान्यताओं व परम्पराओं के कारण विशेष सांस्कृतिक पहचान

0
98

देहरादून(संवाददाता)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में भारतीय तट रक्षक के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक डॉक्टर कृपा नौटियाल द्वारा लिखित पुस्तक Óबियॉन्ड पॉलीएंड्री- चेंजिंग प्रोफाइल ऑफ एन एथनिक हिमालयन ट्राइबÓ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर लेखक द्वारा इस पुस्तक में जौनसारी जनजाति समुदाय की संस्कृति और सभ्यता, रीति-रिवाजों, जाति व्यवस्था, विवाह और त्योहारों की विशिष्टता, अर्थव्यवस्था, भाषाई स्थिति, और सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तनों की उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। इस कार्यक्रम में देहरादून के नागरिकों के अलावा Óजौनसार बावरÓ क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस अवसर पर पुस्तक के विमोचन के बाद, विशेषज्ञों द्वारा एक पैनल चर्चा की गई। इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि जौनसारी समुदाय ने हमें सिखाया है कि किस प्रकार हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता का संरक्षण कर अपनी जड़ों से जुड़ा रहना चाहिए। यह समुदाय हमें इस बात को सिखाता है हमें अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करना चाहिए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सांस्कृतिक पहचान किसी भी देश या क्षेत्र के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी पहचान जिंदा रखने के लिए अपनी जड़ों से जुड़ाव रखना चाहिए। आज हमें अपने रीति-रिवाज, परम्पराएं संजोकर रखने की आवश्यकता है जिसमें जौनसारी समुदाय का अनुसरण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जौनसार-बावर की अपनी विशेष मान्यताओं और परम्पराओं के कारण एक विशेष सांस्कृतिक पहचान है। प्राकृतिक संपदा एवं नैसर्गिक सौन्दर्य से समृद्ध यह क्षेत्र सांस्कृतिक और आन्तरिक सन्तुष्टता से परिपूर्ण है। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हम अमृतकाल की पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक धरोहर और मूल जड़ों से जुडऩे और उन्हें अपनी विरासत पर गर्व करने के लिए प्रेरित करें। राज्यपाल ने लेखक को जनजाति समुदाय द्वारा देखे जा रहे विभिन्न सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तनों पर एक अच्छी तरह से शोध की गई पुस्तक लाकर जौनसार बावर समुदाय के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी। इस समग्र अध्ययन को लेखक की ओर से समुदाय के लिए एक आदर्श उपहार माना।
इस अवसर पर इससे पहले, इस पुस्तक को लिखने में अपने अनुभवों को साझा करते हुए, लेखक डॉ. कृपा नौटियाल ने इस बात पर जोर दिया कि सेवानिवृत्ति के बाद लेखक द्वारा किए गए श्रमसाध्य शोध पर आधारित यह पुस्तक जौनसार बावर क्षेत्र के लिए उनकी ओर से एक सप्रेम भेंट है। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने वहीं के मूल निवासी शोधकर्ता के रूप में पहली बार बहुपति प्रथा से परे के क्षेत्र को कवर करने और इस खूबसूरत और बदलती जौनसार बावर संस्कृति की सबसे गहरी परत तक पहुंचने का प्रयास किया है। इस अवसर पर कार्यक्रम में विधायक मुन्ना सिंह चौहान, पूर्व मुख्य सचिव नृप सिंह नपल्चयाल और दून विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रो.राजेंद्र प्रसाद मंमगाई ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मधु चौहान अध्यक्ष जिला पंचायत, पद्मश्री प्रेम शर्मा, वरिष्ठ राज्य और केंद्र सरकार के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा जौनसार बावर क्षेत्र के कई लोग मौजूद थे।

LEAVE A REPLY