जनता के स्वास्थ्य से खेलने वालों पर डाक्टर राजेश की नजर
राजधानी में लाया गया सैकडों किलो पनीर किया जब्त
देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री के आदेश पर स्वास्थ्य सचिव ने लम्बे समय से मिलावटखोरों के खिलाफ खुली जंग का ऐलान कर रखा है और उत्तराखण्ड मे आने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थों पर स्वास्थ्य महकमा व खाद्य विभाग अपनी पैनी नजर बनाये हुये है। चारधाम यात्रा मे कोई भी मिलावटखोरी का तांडव न कर पाये इसके लिए स्वास्थ्य सचिव ने सभी बोर्डर पर अपनी टीमों को अलर्ट किया हुआ है वहीं आज सुबह जब राजधानी के अन्दर वाहन में मिलावट पनीर लाया जा रहा था तो इसकी भनक स्वास्थ्य सचिव को लगी और उसके बाद टीम ने गाडी को घेरकर उसकी तलाशी ली तो उसमें पांच सौ किलो मिलावटी पनीर बरामद हुआ जिस पर स्वास्थ्य सचिव सख्त दिखाई दिये और उन्होंने साफ कहा कि महकमा जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और इसे लाने वालों के खिलाफ कडी कार्यवाही होगी तथा यह भी साफ कहा कि इस पनीर की डिलीवरी से पहले ही उसे पकडकर मिलावटखोरों को संदेश दिया गया कि अब राज्य के अन्दर मिलावटखोरी करना असम्भव है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिसमें पंाच सौ किलो मिलावटी पनीर जब्त किया गया। यह पनीर न केवल खाद्य सुरक्षा मानकों के खिलाफ था, बल्कि आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता था। सूचना के आधार पर जिला थ्क्। अधिकारी मनीष सयाना और रमेश सिंह ने स्थानीय पुलिस चौकी इंचार्च निरंजनपुर मंडी, देहरादून श्री प्रमोद भंडारी की टीम के साथभंडारी बाग क्षेत्र में चेकिंग अभियान चला रही थी, तभी उन्हें एक सफेद हुंडई इयोन कार वैन संदिग्ध हालत में दिखाई दी। कर को रोका गया और उसकी तलाशी ली गई।तलाशी के दौरान कार के डिग्गी तथा सीट मै से बिना किसी ठंडा रखने की व्यवस्था के लगभग 500 किलो पनीर बरामद किया गया, जिसे बेहद अस्वच्छ प्लास्टिक की बोरियों से ढककर और खुले में ढोया जा रहा था। मौके पर पनीर की भौतिक जांच की गई और प्रारंभिक दृष्टया यह मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाया गया।
वाहन मै पनीर स्वामी मोहम्मद इरशाद नामक व्यक्ति मौजूद था, जो कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका कृ न निर्माण स्थल का प्रमाण, न ही वितरण का रजिस्ट्रेशन अथवा ब्रांडिंग संबंधी जानकारी। एफडीए अधिकारियों के अनुसार, पनीर जैसे दुग्ध उत्पादों को उचित तापमान में संग्रहित और परिवहन किया जाना अत्यंत आवश्यक होता है। यदि ऐसा न किया जाए तो यह उत्पाद जल्दी खराब हो सकते हैं और उसमें हानिकारक बैक्टीरिया उत्पन्न हो सकते हैं, जो फूड पॉयजनिंग, डायरिया, टायफॉइड, और हड्डियों की कमजोरी जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। पनीर के सैंपल मौके पर लेकर परीक्षण के लिए राज्य खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं, बाकी लगभग पांच सौ किलो पनीर को ट्रेचिंग ग्राउंड कारगी चौक में नष्ट किया। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आर. राजेश कुमार बोले होगी कड़ी कार्रवाई
एफडीए आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा ष्मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ हमारी नीति स्पष्ट और कठोर है। ऐसी सामग्री उपभोक्ताओं की जान से खिलवाड़ है। हम प्रदेश भर में नियमित अभियान चला रहे हैं और यह बरामदगी हमारे उसी प्रयास का हिस्सा है। विभाग ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रहा है। यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी खेप को बाजार में पहुँचने से रोकने में सफल रही, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राज्य प्रशासन अब खाद्य सुरक्षा को लेकर अत्यधिक संवेदनशील और सख्त हो चुका है। गर्मी के मौसम में जब खाद्य पदार्थ जल्दी खराब होते हैं, ऐसे में मिलावटखोरी और लापरवाही से स्वास्थ्य पर जोखिम और अधिक बढ़ जाता है।
राज्य में खाद्य सुरक्षा पर निगरानी तेज की गई
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा यह बरामदगी इस बात का प्रमाण है कि कुछ लोग अभी भी गैरकानूनी तरीके से बाजार में नकली और घटिया खाद्य उत्पाद खपाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन विभाग सतर्क है और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। देहरादून सहित समूचे राज्य में खाद्य सुरक्षा पर निगरानी और तेज की जा रही है।
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी