…मैं हूं मीना कुमारी

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देहरादून। देश में एक दशक से पुर्नजन्म को लेकर एक बड़ी बहस चलती रही है कि क्या वाकई में पुर्नजन्म होता है? पुर्नजन्म को लेकर समय समय पर कोई न कोई मीडिया के सामने आकर यह दास्तां बयां करता है कि पुर्नजन्म में वह किस रूप में था और उसके बाद वह अपना पुराना परिवार और आशियाना बताने के लिए भी आगे आता रहा है लेकिन पुर्नजन्म की इस दास्तां में सच्चाई को लेकर आम जनमानस के मन में एक बैचेनी रहती है कि पुर्नजन्म में पैदा हुआ इंसान क्या हकीकत में अपने पिछले जन्म का सारा लेखा जोखा जानता है जिसे वह सबके सामने बयां कर रहा है? हालांकि पुर्नजन्म पर चलने वाली बहस आज भी एक बहस ही बनी हुई है। यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तरंाचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुफियाना आर हुसैन उर्फ फिरोजा ने मीडिया के सामने आकर यह कहकर सबको हैरान कर दिया कि उसका पुर्नजन्म हुआ है और वह पिछले जन्म में फिल्म अदाकारा मीना कुमारी थी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार किसी ने मीडिया के सामने आकर यह हैरान करने वाली कहानी सुनाई कि उसका पुर्नजन्म हुआ है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हालांकि वह अपने पुर्नजन्म को लेकर कोई दास्तां तो सुना नहीं पाई लेकिन वह बार बार यही कहती रही कि एक रूह है जो उसके सपनों में आती है और वह उसे यही बताती है कि तू पिछले जन्म में प्रसिद्ध फिल्म अदाकारा मीना कुमारी थी। मीडिया के सामने बेबाक होकर शर्माते हुए कहती रही की मैं ही हूं न पिछले जन्म की मीना कुमारी। प्रसिद्ध अदाकारा मीना कुमारी के निधन से पहले पाकिजा फिल्म का यह गीत चलते चलते यूं ही कोई मिल गया था काफ ी पसंद किया गया। इस अवसर पर सुफियाना आर हुसैन उर्फ फिरोजा ने दावा किया है कि स्वर्गीय अदाकारा मीना कुमारी के रूप में उनका पुर्नजन्म हुआ है और जो कुछ स्वर्गीय अदाकारा मीना कुमारी के जीवन में घटित हुआ वह सब भी उनके जीवन के साथ हो रहा है और बार बार उनकी यादें सपनों में आ रही है लेकिन इसके बावजूद भी किसी को उन पर यकीन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से स्वर्गीय अदाकारा मीना कुमारी को स्किन डिसीज से पीडि़त थी और उनका जन्म भी स्किन डिसीज जैसी बीमारी के बीच हुआ है और जो आज तक है।
उन्होंने कहा कि एक दिव्य आत्मा का हमारे साथ रहना, ख्वाबों में आना और अंग्रेजों का बार बार सपनों में दिखाई देना, आजादी से पहले के समय के ब्रिटिश दौर के लोगों का सपनों में आना और स्वर्गीय मीना कुमारी की समाधि का नजर और हमारे नाम को बार बार पुकारे जाना भी हो पुर्नजन्म है और ऐसा उनके साथ हर समय होता रहता है लेकिन जब वह यह बात किसी को बताती है तो कोई यकीन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से संत संन्यासी की भविष्यवाणी हमारे लिए करना, परिवार में एक कहानी का बार बार दोहराया जाना और शायरी व संगीत की ओर जुडाव होना भी है और उनका जन्म 3० अप्रैल 1982 है और मीना कुमारी के निधन के बाद दस साल बाद वह पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि उस समय के नाम जो आज भी प्रचलित है जिसमें प्रमुख रूप से गांधी ग्राम, नेहरू पुरम, नेहरू कॉलोनी, इंदिरानगर, लक्खीबाग, चंदन नगर, मालवीय चौक,, गोविन्दगढ़, अंबेडकर चौक, गांधी पार्क, आजादनगर, दून स्कूल, धर्मपुर आदि प्रमुख रूप से शामिल है और कोलकाता, मुंबई, बैंगलोर, बिजनौर, मेरठ से जुडे हुए लोगों का हमारी जिंदगी में शामिल होना और नाकामयाब शादी, एक्सीडेंट, टेंशन, डिप्रेशन होगा और परिवार के लोगों का साथ छूट जाना की जो घटनायें जीवन में घटित हुई है और वही स्वर्गीय अदाकारा मीना कुमारी के जीवन में भी घटित हुआ केवल अंतर इतना है कि स्वर्गीय मीना कुमारी की तीन शादी थी और उनकी दो शादी है और दोनों पति का निधन हो गया है और उन्होंने कहा कि अब स्वर्गीय अदाकारा मीना कुमारी के रूप में उनका पुर्नजन्म हुआ है।

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