देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने आज तक के सभी पूर्व मुख्यमंत्री को कहीं न कहीं यह आईना दिखाया है कि अगर सरकार के मुखिया में राज्य को एक नई उडान पर ले जाने की चाहत हो तो उस उडान को कोई रोक नहीं सकता? मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल में एक के बाद एक धुंआधार फैसले लेते हुए राज्य की जनता के सामने अपने आपको सल्तनत का बादशाह बनने का जो जज्बा दिखाया है उसके चलते आज मुख्यमंत्री का राजनीतिक इकबाल उस ऊचाई पर है जहां पहुंचने में बडे से बडे राजनेताओं को एक दशक लग जाता है। राजनीतिक पिच पर धाकड अंदाज में सियासत की पारी खेल रहे मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों के सामने एक बडी चुनौती भविष्य की राजनीति को लेकर खडी कर दी है। आज उत्तराखण्ड का जनमानस मुख्यमंत्री को राजनीति का सुल्तान मानकर यह सोच चुका है कि धामी राज में वह सुरक्षा कवच में ही रहेगा।
उत्तराखण्ड में एक लम्बे समय से राजनीति कर रहे युवा मुख्यमंत्री को जबसे सरकार चलाने के लिए भाजपा हाईकमान ने आगे किया है तबसे मुख्यमंत्री ने राजनीतिक पिच पर ऐसी फिल्डिंग सजा रखी है कि उनके कुछ अपने भी आये दिन चकर खाकर गिर रहे हैं? मुख्यमंत्री ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने का चक्रव्यूह तेजी के साथ रचने में कोई कसर नहीं छोडी जा रही और बार-बार कुछ मीडिया के लोगों को आगे कर अफवाहों का बाजार सजाया जा रहा है कि उत्तराखण्ड की राजनीति में कभी भी कोई भूचाल आ सकता है? हालांकि यह अफवाहें हमेशा अफवाहें ही बनकर रह जायेंगे क्योंिक देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री की स्वच्छ राजनीति को देखते हुए उन्हें अपना अभेद आशीर्वाद दिया हुआ है और उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने के लिए वह मुख्यमंत्री के साथ खडे हुये नजर आ रहे हैं। आज के इस दौर में राजनीतिक पिच पर अपनी सियासी गुगली से साजिशकर्ताओं की किल्लियां उखाड फेंक रहे हैं। मुख्यमंत्री राजनीतिक पिच पर जहां बडे-बडे राजनेताओं को अपनी सियासत का भौकाल दिखाकर उन्हें अपने धाकड फैसलों से उनका बीपी बढ़ा रहे हैं उससे उनके सामने अपनी भविष्य की राजनीति को लेकर एक बडा संकट आकर खडा होता हुआ नजर आ रहा है? मुख्यमंत्री की राजनीतिक गुगली ने उन साजिशकर्ताओं को पहले बोल पर ही बोल्ड करने का जो सियासी हुनर दिखा रखा है उससे धाकड धामी के खिलाफ वह चाहे कितनी भी साजिशें रच लें लेकिन उसका अंजाम उन्हें शून्य ही दिखाई दे रहा है?
उत्तराखण्ड की जनता के मन में राज्य बनने के बाद से ही एक सोच बनी हुई थी कि कब उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए राज्य का कोई मुख्यमंत्री उनके साथ खडा होगा? भाजपा हाईकमान ने जब मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाया तो उसके बाद बडे-बडे राजनेताओं की नींद उड गई थी कि आखिरकार जिस युवा राजनेता को कभी मंत्री तक नहीं बनाया गया उसे आखिरकार कैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया था?
पुष्कर सिंह धामी ने सरकार चलाने के लिए स्वच्छता और पारदर्शिता को अपनाया और उसी के चलते उनकी देशभर में प्रसिद्धि के डंके बजने लगे। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी तीन साल से राजनीतिक पिच पर ऑलरॉडर खिलाडी बनकर खेल रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजनीतिक पिच पर अपनी गुगली से उन साजिशकर्ताओं की किल्लियां उखाड फेंक रहे हैं जो उन्हें अस्थिर कर राज्य में मुख्यमंत्री बनने का मुंगेरी लाल की तरह वर्षों से सपना देखते आ रहे हैं? वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजनीतिक पिच पर विराट कोहली की तरह भी 2०-2० मैच में धाकड बल्लेबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं और उनकी यह बल्लेबाजी जहां अपराधियों, माफियाओं, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजों, नशा तस्करों, नकल माफियाओं को उत्तराखण्ड से बाहर धकेलने के लिए सुपर दिखाई दे रही है उसे देखकर राज्य की जनता मानने लगी है कि उन्हें उत्तराखण्ड का वो सुपर सीएम मिल गया है जिसकी चाहत उन्हें राज्य बनने के बाद से ही बंधी हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा से लेकर विधानसभा और केदारनाथ उपचुनाव से लेकर निकाय चुनाव में कमल खिलाने का जो करिश्मा करके दिखाया है उससे आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजनीतिक पिच पर एक धाकड ऑलराउंडर के रूप में उभर कर सामने आ गये हैं।