हुजूर डाकपत्थर में संयुक्त चिकित्सालय बना है शोपीस

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देहरादून/विकासनगर(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को पंख लगाने के लिए बड़े विजन के साथ अपने कदम आगे बढा रखे है। मुख्यमंत्री पहाड़ से लेकर मैदान तक के सरकारी अस्पतालों को एक नई पहचान दिलाने की दिशा में भले ही काम कर रहे हों लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की नजर डाकपत्थर में शोपीस बने संयुक्त चिकित्सालय की तरफ क्यों नहीं जा रही है यह काफी हैरान करने वाली बात है? पचास बैड का चिकित्सालय लंबे समय से धूल फांक रहा है और इलाके की जनता यह देखकर हैरान है कि आखिरकार कब तक यह अस्पताल लावारिस पड़ा रहेगा? एक ओर तो स्वास्थ्य महकमें ने अपने कुछ सरकारी अस्पतालों को पीपीपी मोड पर चलाने का दौर शुरू किया था जिस पर अब ब्रेक लगाने का दम भरा जा रहा है लेकिन पछवादून के डाकपत्थर इलाके में अगर आवाम के लिए बना सरकारी अस्पताल सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है तो उससे समझा जा सकता है कि स्वास्थ्य मंत्री आवाम के इलाजों को लेकर जो बड़े बड़े दावे कर रहे है वह कहां टिक रहे है? अब जन संघर्ष मोर्चा ने स्वास्थ्य महकमें को कटघरे में खडा करते हुए कहा है कि करोड़ों की लागत से बना चिकित्सालय महीनों से शोपीस बना हुआ है लेकिन अब मोर्चा शीघ्र ही इसको लेकर शासन में दस्तक देगा।
यहां जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मोर्चा टीम के साथ डाकपत्थर संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण कर महीनों पूर्व बनकर तैयार धूल फांक रहे चिकित्सालय की दुर्दशा पर जिम्मेदारों को कोसा और अपना विरोध दर्ज किया।
इस अवसर पर नेगी ने कहा कि लगभग तेरह करोड़ की लागत से वर्ष 2०21 में स्वीकृत पचास बैड का संयुक्त चिकित्सालय महीनों पहले उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम द्वारा बनाकर तैयार किया जा चुका है, जिसमें भारी वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं और लेकिन आज तक उक्त चिकित्सालय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हस्तगत करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिस कारण जनता की गाड़ी कमाई बर्बाद होने के कगार पर है।
उन्होंने कहा कि आलम यह है कि विकासनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अधिकांश मामलों में सिर्फ ठेकेदारी की कमाई हड़पने के उद्देश्य से बिल्डिंग्स, पुल इत्यादि तैयार हो रहे हैं, लेकिन आमजन के लिए कैसे सुविधा मिले, इसके लिए जिम्मेदार तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हो जातीं तो निश्चित तौर पर उप जिला चिकित्सालय, विकासनगर के मरीजों को भी राहत मिलती एवं डाकपत्थर व आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी सुविधा होती। उन्होंने कहा कि मोर्चा शीघ्र ही चिकित्सालय को हस्तगत कराने के लिए शासन में दस्तक देगा, जिससे जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। इस अवसर पर निरीक्षण के दौरान मोर्चा टीम में महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, प्रवीण शर्मा पिन्नी, अतुल हांडा व प्रमोद शर्मा आदि मौजूद थे।
रघुनाथ सिंह का कहना है कि विकासनगर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए वह हमेशा सरकार से मांग करते आ रहे हैं और उन्होंने पछवादून में सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और वहां की व्यवस्थाओं को नयापन देने के लिए स्वास्थ्य सचिव डा० आर राजेश कुमार से भी मुलाकात की थी और उनके आदेश पर सीएमओ ने भी विकासनगर में स्वास्थ्य सेवाओं को परखने के लिए वहंा का निरीक्षण किया था। रघुनाथ सिंह नेगी का कहना है कि पछवादून में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने से वहां आसपास के कई इलाकों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पायेगा लेकिन गजब की बात है कि डाकपत्थर में सरकारी अस्पताल की इमारत पिछले एक साल से खडी हुई है लेकिन उसमें आज तक स्वास्थ्य सेवायें उपयोग में नहीं लाई जा रही जो कि हैरान करने जैसा है।

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