कोटद्वार(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खण्डूरी के बेटे ने पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में अपनी आस्था दिखाकर चुनाव लडा था लेकिन वह चुनाव की इस बयार में फेल हो गये थे। लम्बे समय से यह चर्चाएं चल रही थी कि मनीष खण्डूरी कांग्रेस का साथ छोडकर भाजपा में कभी भी अपने कदम आगे बढा सकते हैं? वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनीष खण्डूरी ने कांग्रेस को बॉय-बॉय कहते हुए उसे बडा झटका दिया है और यह साफ हो रहा है कि मनीष खण्डूरी अब कभी भी भाजपा में अपनी आस्था दिखाते हुए पुष्कर का हाथ थामेंगे? सम्भावनायें प्रबल हो गई हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र को पौडी लोकसभा सीट से भाजपा अपना प्रत्याशी बनाकर उन्हें चुनावी रणभूमि में उतारेगी? गढवाल में जिस तरह से कांग्रेस को मात्र कुछ समय के भीतर दो बडे राजनेताओं ने झटका दिया है उससे कांग्रेस के अन्दर बेचैनी का माहौल जरूर होगा और चुनाव से पूर्व जिस तरह से उनका चुनाव लडने में जोश अब ठंडा हो रहा है उससे भाजपा को एक नया बल मिल रहा है। उत्तराखण्ड के अन्दर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हाथ पकडने के लिए जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं में बडी होड मची हुई है उससे भाजपा का कुनबा चुनाव से पूर्व पॉवरफुल होता जा रहा है।
लोकसभा चुनाव से पूर्व गढ़वाल में कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। गत माह कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व विधायक एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख शैलेन्द्र रावत के कांग्रेस छोड़ भाजपा में घर वापसी से लगे झटके को वह अभी झेल भी नहीं पाई कि आज पूर्व मुख्यमंत्री एवं गढ़वाल सांसद रहे भुवन चंद्र खंडूरी और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के भाई मनीष खंडूरी ने भी कांग्रेस को छोड़कर गढ़वाल में कांग्रेस को गहरा झटका दे दिया है। लोकसभा चुनाव होने वाले है, जिसको लेकर सभी राजनैतिक दलों में तैयारियां जोरों सें चल रही हैं। एक तरफ भाजपा ने अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में अभी भी मंथन का दौर जारी है।इसी बीच आज कांग्रेस सें भी एक बड़ी खबर सामने आयी है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी ने कांग्रेस से अलविदा कर दिया है। यह बात उन्होंने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट डालकर कही है। शैलेन्द्र रावत के बाद अब मनीष खंडूरी के कांग्रेस छोडऩे से कांग्रेस में हलचल मची हुई है। लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा से पहले कांग्रेस पार्टी को यह बड़ा झटका लगा है। मनीष खंडूरी कांग्रेस पार्टी की ओर से 2०19 में पौड़ी लोक सभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड के अन्दर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक इकबाल इतना बुलंद होता जा रहा है कि आवाम उन्हें उत्तराखण्ड का युग पुरूष मानने लगी है और विपक्षी दलों के राजनेताओं को अपना राजनीतिक भविष्य पुष्कर सिंह धामी की चल रही धाकड़ राजनीति के चलते अंधकार में नजर आने लगा है? कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अपनी तेजी के साथ आस्था दिखानी शुरू कर दी है जिसके चलते वह कांग्रेस को बॉय-बॉय कहकर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का हाथ थामने की ओर तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं।