प्रमुख संवाददाता
देहरादून। हल्द्वानी शहर के थाना बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम पर हजारों दंगाईयों ने बडी साजिश के तहत हमला किया और उनका दुसाहस इतना बुलंद था कि उन्होंने प्रशासन और पुलिस की टीमों पर पैट्रोल बम फेंके और उन पर गोलियां बरसाई। थाने में मौजूद अधिकारियों को जिंदा जलाने का दंगाईयों ने जो चक्रव्यूह रचा उसे देखकर सिस्टम के अफसरों के होश उड़ गये और उसके बाद दंगाईयों पर काबू पाने का एक हौसले के साथ ऑपरेशन शुरू हुआ और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। दंगे की आग देखकर मुख्यमंत्री का पारा सातवे आसमान पर है और उन्हेांने साफ अल्टीमेटम दे दिया है कि एक-एक दंगाई को बक्शा नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी और कुछ अफसरों ने मौके पर डेरा डालकर वहां का दृश्य देखा तो उसके बाद मुख्यमंत्री ने दंगाईयों को चुन-चुनकर बडा सबक सिखाने का ऑपरेशन चलाने के आदेश दिये। वहीं मुख्य सचिव ने बनभूलपुरा में दंगे की मजिस्ट्रेट जांच के लिए कुमांऊ आयुक्त को जिम्मा सौंपा है और वह इस पूरे प्रकरण का सच पन्द्रह दिन के भीतर बाहर लाकर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
आज मुख्य सचिव राधा रतूडी ने कुमांऊ आयुक्त मण्डल को हल्द्वानी शहर के थाना बनभूलपुरा में आठ फरवरी को हुई घटना की मजिस्ट्रेट जांच करने के आदेश दिये हैं। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि आठ फरवरी को जनपद नैनीताल के हल्द्वानी शहर के थाना बनभूलपुरा एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में हुई घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत आयुक्त, कुमांऊ मण्डल द्वारा मजिस्ट्रेट जांच सम्पादित किये जाने का शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया गया है। पत्र में कहा गया है कि मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि उक्त घटना की निष्पक्ष मजिस्ट्रेट जांच पन्द्रह दिवस के भीतर सम्पादित करते हुए तत्संबन्धी जांच आख्या शासन को उपलब्ध करायें। शासन ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच देकर इस पूरे दंगे का सच जानने के लिए अपने कदम आगे बढा दिये हैं और अब इस जांच में यह बात साफ होगी कि दंगे की पृष्ठभूमि के पीछे कौन-कौन से राज छुपे हुये हैं।