मोदी की आंखों के फि र तारे बने पुष्कर

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देहरादून(प्रमुख संवाददाता)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल ऑपरेशन की कमान मुख्यमंत्री ने आगे बढकर संभाली और रेस्क्यू को सफल बनाया तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखों के फिर तारे बन गये। दीवाली के दिन जब मुख्यमंत्री को सूचना मिलती है कि सिलक्यारा में सुरंग हादसा हो गया है…वो तुरंत अंदाजा लगा लेते हैं कि घटना बड़ी है और रात से ही अपने अधिकारियों के साथ मिशन पर लग जाते हैं। मुख्यमंत्री अगली भोर ही पीएमओ से लेकर तमाम मंत्रालयों से संपर्क साधते हैं। चुनावों में व्यस्तता के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी इस घटना को गंभीरता से लेते हैं और पीएमओ को इस घटना को टॉप मोस्ट प्रायोरिटी पर लेने को कहते हैं।
सिलक्यारा टनल की घटना का जायजा लेने जब मुख्यमंत्री धामी मौके पर पहुँचकर परिस्थितियों का जायजा लेते हैं, तो थोड़ा चिंतित होते हैं। उन्हें स्पष्ट आभास होता है कि मौके पर हौसलाअफजाई और बेहतर कोआर्डिनेशन की आवश्यकता सबसे ज्यादा है। और उत्तरकाशी से देहरादून लौटते-लौटते वे मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों को निर्देशित करते हैं कि सिलक्यारा टनल के पास ही अस्थायी मुख्यमंत्री कार्यालय तत्काल बना लिया जाय। कई लोगों की राय थी कि देहरादून से ही राहत कार्य को मॉनिटर किया जा सकता है, किन्तु संघर्षों से तपे व कठिनाइयों से पार पाकर यहां तक पहुँचे मुख्यमंत्री धामी जानते थे कि परिस्थिति उनसे क्या माँग रही हैं। वे अपने निर्णय पर अडिग रहे। एक हफ्ते से भी अधिक समय से उत्तराखंड सरकार सिलक्यारा टनल के नजदीक बने अस्थायी मुख्यमंत्री कार्यालय से चलती रही।
इस बीच रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़े उतार-चढ़ाव आये, कई बार राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एक्सपट्र्स की जरूरत महसूस की गई। प्रधानमंत्री मोदी जो कि दिन में चार-पांच बार मुख्यमंत्री धामी से संपर्क में रहते थे, हर जरूरत पर साथ खड़े थे। दीवाली के बाद ईगास त्यौहार आया, ऐसा लगा कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जायेगा किन्तु उम्मीदों की राह बनाती मशीन फेल हो गयी। मिशन पर लगी टीम की को एक सच्चे लीडर की तरह हौसला बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें डटे रहना है, सफल होना है…और ईगास का त्यौहार इन श्रमिकों की सकुशल वापसी के बाद ही मनाना है। हादसे के सत्रहवें दिन 28 नवम्बर को वो शुभ सूचना आयी जिसका पूरा देश इंतजार कर रहा था। सभी 41 श्रमिक सकुशल बाहर निकाल लिये गए। एक-एक श्रमिक के टनल से बाहर निकलने मुख्यमंत्री ने पूरी आत्मीयता के साथ उन्हें गले लगाया, उनका स्वागत किया।

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