उत्तरकाशी(चिरंजीव सेमवाल)। विश्वप्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न पौने बारह बजे वैदिक मंत्रोच्चार पूजा -अर्चना के साथ विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए।
उत्तराखंड के चारधामों में प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर पौने बारह बजे वैदिक मंत्रोच्चार पूजा -अर्चना के साथ विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। मां गंगा की उत्सव डोली समारोहपूर्वक जयकारों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी मंदिर में होगा। कल मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना होगी।
इस यात्रा वर्ष 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए। इस अवसर पर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, गंगोत्री मंदिर समिति के रावल हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, राजेश सेमवाल,सहित बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित, जन प्रतिनिधिगण एवं श्रद्धालुजन मौजूद रहे। तथा ने गंगोत्री धाम की यात्रा के समापन अवसर सभी श्रद्धालुओं का आभार जताया है।