देहरादून(नगर संवाददाता)। उत्तराखंड भाजपा द्वारा एससी-एसटी के सम्मेलन किए जाने की बात पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने चुटकी ली है। इस अवसर पर दसौनी ने कहा की अनुसूचित जाति जनजाति के लिए भाजपा ने आज तक क्या किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के मोरी में 19 वर्षीय आयुष की रात भर कोयले से जलाकर सिर्फ इसलिए प्रताडि़त किया गया कि वह दलित समाज का था और उसने मंदिर में प्रवेश करने की हिमाकत की थी। अल्मोड़ा साल्ट के जगदीश की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि उसने दलित होने के बावजूद अंतर जातीय है विवाह करने की हिम्मत दिखाई जगदीश के आरोपियों को दंड दिलवाने के लिए क्या किया भाजपा संगठन ने क्या किया है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार रुड़की के बेलडा कांड में भाजपा संगठन मूकदर्शक बना रहा ,बेलडा कांड में एक से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई भाजपा की प्रदेश इकाई ने न उनके परिजनों की नौकरी के लिए कोई प्रयास किया न ही मुआवजे के लिए कोई कार्यवाही की है। दसौनी ने कहा कि अब तो हद ही हो गई है सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास की बात करने वाली पार्टी के राज में रुड़की के एक मंदिर में दलित समाज की महिलाओं को प्रवेश करने से रोकने के आरोप में हंगामा खड़ा हो गया। गरिमा ने कहा कि यह भाजपा के ही राज में मुमकिन है कि अब एक समुदाय विशेष में जन्म लेना भाजपा काल में अपराध हो गया है।
इस अवसर पर दसौनी ने बताया की एक मंदिर में शुक्रवार सुबह दलित समाज की कुछ महिलाएं पूजा-पाठ के लिए गई थी। आरोप है कि पुजारी ने महिलाओं से मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। इस पर महिलाओं ने दलित समाज के लोगों को इसकी जानकारी देकर मौके पर बुला लिया। उन्होंने कहा कि इस दौरान सूचना मिलने पर समाज के काफी संख्या में लोग कोतवाली पहुंचे और पुजारी के खिलाफ आक्रोश जताया। दसौनी ने कहा कि ऐसे फर्जी पुजारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जो समाज में प्रेम की बजे नफरत पनपाने काम करते हो जो इंसानियत के खिलाफ हों और जाति और धर्म से लोगों की पहचान करते हैं।
दसौनी ने कहा कि रुड़की का यह प्रकरण इंसानियत को शर्मसार करने वाला है, जब ईश्वर अपनी संतानों में भेदभाव नहीं करता तो पुजारी भेदभाव करने वाला कौन होता है और इस प्रकरण से एक तरफ जहां निश्चित तौर पर उत्तराखंड की किरकिरी हुई है वहीं भाजपा की कलई भी खुल गई है और वह पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है कि उनके राज में एससी एसटी का कितना सम्मान हो रहा है।