देहरादून। मुख्यमंत्री के पास आबकारी महकमा है और उन्होंने अब साफ संदेश दे दिया है कि पारदर्शिता के साथ महकमा काम करे और महकमे के अन्दर प्राइम पोस्टिंग की प्रक्रिया में एक नये बदलाव का जो उन्होंने संदेश दिया उसके चलते अब साफ नजर आ रहा है कि सीएम के आबकारी महकमे में पोस्टिंग को लेकर एक नया सवेरा दिखाई देगा। उत्तराखंड सरकार ने आबकारी विभाग में प्राइम पोस्टिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब राज्य के मूल अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि योग्य और कर्मठ अधिकारियों को उनकी कार्यकुशलता के आधार पर तैनाती दी जा रही है। यह बदलाव बताता है कि सरकार उत्तराखंड मूल के अधिकारियों को न केवल बढ़ावा दे रही है, बल्कि सिस्टम को भी पारदर्शी और निष्पक्ष बना रही है।
पहले, आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के लिए ऊंची सिफारिशें और राजनीतिक दबाव अहम भूमिका निभाते थे। लेकिन अब इस व्यवस्था को पूरी तरह खत्म करते हुए मेरिट और कार्यकुशलता को प्राथमिकता दी जा रही है। इस बदलाव के तहत, अनुभवी और योग्य अधिकारियों को ही उच्च पदों पर तैनाती दी जा रही है, जिससे विभाग में कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी हो रही है। सरकार का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि उत्तराखंड में अब नौकरशाही में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा दिया जा रहा है। पहले, प्राइम पोस्टिंग प्राप्त करने के लिए अधिकारियों को राजनीतिक और प्रशासनिक स्रोतों की मदद लेनी पड़ती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। वर्तमान सरकार ने इस प्रक्रिया को सुधारते हुए काबिल अधिकारियों को उनकी योग्यता के आधार पर जिम्मेदारी देने की पहल की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नई व्यवस्था से विभाग में अनुशासन और जवाबदेही बढ़ेगी। कार्यकुशल अधिकारी जब महत्वपूर्ण पदों पर तैनात होंगे, तो न केवल सरकारी नीतियों का सही तरीके से क्रियान्वयन होगा, बल्कि आम जनता को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। अधिकारियों में सकारात्मक माहौल इस नई व्यवस्था के बाद अधिकारियों में भी सकारात्मक माहौल देखा जा रहा है। अब किसी भी अधिकारी को यह डर नहीं है कि ऊँची पहुंच के बिना उसे प्राइम पोस्टिंग नहीं मिलेगी। इससे राज्य के युवा और मेहनती अधिकारियों को भी आगे बढऩे का समान अवसर मिलेगा। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ष्अब पोस्टिंग में पारदर्शिता आने से अधिकारियों को अपने काम पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का मौका मिल रहा है। पहले कई बार नीतिगत फैसले बाहरी दबाव में लिए जाते थे, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया मेरिट के आधार पर हो रही है, जिससे विभाग में सुधार दिखने लगा है।
अब यह बदलाव उत्तराखंड सरकार की सुशासन नीति की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल आबकारी विभाग की छवि सुधरेगी, बल्कि अन्य विभागों में भी पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा। अगर इसी तरह सुधार होते रहे, तो आने वाले समय में उत्तराखंड प्रशासन देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकता है। सरकार के इस फैसले से जनता में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग मानते हैं कि पारदर्शी भर्ती और तैनाती से सरकारी कार्यों में तेजी आएगी और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। उत्तराखंड आबकारी विभाग में प्राइम पोस्टिंग की यह नई नीति राज्य के प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे काबिल अधिकारियों को आगे बढऩे का मौका मिलेगा और विभाग की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा। सरकार का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता को दर्शाता है, बल्कि अन्य विभागों के लिए भी एक आदर्श स्थापित कर रहा है।