प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में इन दिनों सर्द हवायें चल रही हैं और पहाड़ों में गिरी बर्फ का आनंद उठाने के लिए देशभर से सैलानियों का तांता भी दिखाई दे रहा है तो वहीं सर्द हवाओं में चाय की चुस्कियां लेकर निकाय चुनाव की खूब चर्चायें हो रही हैं तो वहीं चाय का आनंद उठाने वाले लोग चाय की चुस्कियों के बीच यह कहने से भी नहीं पीछे हट रहे कि एक बात तो सच है कि सीएम धामी ने उत्तराखण्ड के अन्दर उस राजनीति को जन्म दे दिया है जिसकी कल्पना राज्य बनने के बाद से ही की गई थी। चाय की दुकानों मे भी अगर पहाड से लेकर मैदान तक धामी नाम का शोर मच रहा है तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज उत्तराखण्ड के अन्दर सीएम धामी राजनीति के सुपरमैन बन गये हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे वह राज्य को संवारने के जुननू में इतनी तेजी के साथ आगे बढ रहे हैं जिसकी कल्पना करना भी असम्भव दिखाई देता है। मुख्यमंत्री में राज्य को गुलजार करने का जो जज्बा देखने को मिल रहा है उससे आज राज्य एक नई दिशा में तेजी के साथ आगे बढ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपनी स्वच्छ राजनीति से राज्य के अन्दर जो एक नई गाथा लिखने का दौर शुरू किया है उसने भाजपा के उन राजनेताओं के सपनों को चूरचूर कर दिया है जो हमेशा राज्य का मुख्यमंत्री बनने के लिए उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक में हमेशा दौड लगाते हुए दिखाई देते आ रहे हैं? सबको साथ लेकर चलने का जो सिलसिला युवा मुख्यमंत्री ने शुरू कर रखा है उसके चलते आज राज्य की जनता को यह विश्वास हो चला है कि मुख्यमंत्री ही वो राजनेता हैं जो उत्तराखण्ड को विकास की नई उडान पर ले जाने का हौसला रखते हैं। मुख्यमंत्री ने अपने शासनकाल में भ्रष्टतंत्र पर जो प्रहार करना शुरू किया हुआ है उससे उत्तराखण्ड की जनता से लेकर दिल्ली में मौजूद भाजपा के दिग्गज राजनेताओं को विश्वास हो रखा है कि आज उत्तराखण्ड सैनिक पुत्र के हाथों में सुरक्षित है और राज्यवासियों को मुख्यमंत्री के कार्यकाल में सुरक्षा का जो भाव मिल रहा है उससे उनके मन में एक आशा की किरण है कि अब उन्हें एक ऐसा नया राज्य मिल रहा है जिसकी कल्पना उन्होंने राज्य बनने के बाद देखी थी। मुख्यमंत्री धामी की स्वच्छ राजनीति के चर्चे चाय की दुकान से लेकर हर तरफ जिस तरह सुनने को मिल रहे हैं उसकी गूंज दिल्ली भाजपा हाईकमान के सामने भी हमेशा पहुंच रही है।
सरकार चला रहे मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के अन्दर से भ्रष्टाचार का अंत करने का जो सिलसिला शुरू कर रखा है उससे सफेदपोशों और राजनेताओं की एक बडी फौज तिलमिलाई हुई है और वह समझ ही नहीं पा रहे कि आखिरकार राज्य के मुख्यमंत्री को कमजोर करने के लिए वह कौन सा बाण चलाये जिससे वह आवाम से लेकर दिल्ली मे बैठे भाजपा के बडे नेताओं की आंखो मे खटकने लगे? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकल्प लिया है कि वह स्वच्छता के साथ ही सरकार चलायेंगे और चाहे कोई अपना हो या फिर कोई बेगाना किसी को भी वह भ्रष्टाचार करने की छूट नहीं देंगे। मुख्यमंत्री के इस स्वच्छ विजन से दिल्ली मे बैठे भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री की सत्ता चलाने की शैली खूब रास आ रही है। अपनी कार्यशैली से जनता के साथ-साथ दिल्ली के दिल मे बैठे धामी की धमक से पार्टी के ही काफी नेताओं का लम्बे समय से बीपी बढा हुआ है और वह राज्य के अन्दर ऐसा संदेश देने के एजेंडे पर आगे बढना चाहते हैं कि जिससे भाजपा हाईकमान की नजर में मुख्यमंत्री का इकबाल कमजोर हो सके? हालांकि मुख्यमंत्री ने केदारनाथ उपचुनाव मे आक्रामक प्रचार कर वहां के सारे समीकरणों को ध्वस्त करते हुए कांग्रेस के हाथों में जा रही जीत को खींचकर वहां कमल खिलाकर अपनी प्रसिद्धि का झंडा बुलंद कर दिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड की नियती बन चुका है कि जब भी कोई मुख्यमंत्री सही दिशा मे काम करने के लिए आगे बढने लगता है तो उनके ही कुछ अपने उन्हें अस्थिर करने के एजेंडे पर बडे-बडे चक्रव्यूह बनाने के लिए आगे निकल पडते हैं और इसका अंजाम भी पूर्व मे कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों को भुगतना पड चुका है? उत्तराखण्ड को एक मजबूत सीएम देने के लिए भाजपा हाईकमान ने युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी को चुना था और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने हाईकमान की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हमेशा धाकड और दिलेरी के साथ सरकार चलाने के लिए अपने आपको आगे रखा और उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने के लिए वह पिछले तीन साल से मजबूती के साथ काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री की धमक आवाम से लेकर दिल्ली मे भाजपा के दिग्गज नेताओं के सामने जिस तरह से बढती जा रही है उससे काफी सफेदपोशों और भाजपा के कुछ राजनेताओं को अपनी भविष्य की राजनीति पर एक बडा खतरा मंडराता हुआ दिखाई देता आ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को संवारने के लिए आवाम के सामने जो अपना जुनून दिखा रखा है उसे देखकर राज्य की जनता को यह विश्वास हो चुका है कि युवा मुख्यमंत्री अपने शासनकाल में उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलने के लिए आगे बढता जा रहा है और आज राज्य विकास की उस उडान पर उड चला है जो उडान बाइस सालों से कोई भी सरकार नहीं उड पाई थी?