देहरादून(नगर संवाददाता)। आईएमए की 156वीं पासिंग आउट परेड में 451 नये कैडेट सेना में अफसर बन गये है और परेड की सलामी श्रीलंका के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने ली। उन्होंने आईएमए में अपने प्रशिक्षण के सफल समापन पर अधिकारी कैडेटों को बधाई दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीलंका के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने कहा कि वह श्रीलंका सेना के कमांडर के रूप में लौटने वाले और इस परेड की समीक्षा करने वाले पहले आईएमए पूर्व छात्र के रूप में आपके सामने खड़े होने पर गौरवान्वित और भावुक महसूस कर रह है। उन्होंने कहा कि आपके चेहरों को देखकर वह अपने युवा रूप को देख रहे है। उन्होंने कहा कि यह स्थान केवल अधिकारियों को प्रशिक्षित नहीं करता है। उन्होंने कहा कि केवल एक पद का प्रतीक वर्दी नहीं है और उन्होंने कहा कि सैन्य यात्रा की शुरूआत इसी अकादमी से हुई थी और एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधिनस्थों का विश्वास अर्जित करता है। उन्होंने कहा कि सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है।
उन्होंने कहा कि यह जीवन भर चलने वाले बंधन बनाता है। उन्होंने जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना को इस दयालु निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। जब उन्होंने अपने सामने एकत्रित हुए गर्वित चेहरों को देखा और उस दिन को याद किया जब उन्होंने खुद भी उसी पवित्र भूमि पर मार्च किया था, आँखें चौड़ी करके और उद्देश्य से भरा हुआ। उन्होंने याद किया कि कैसे उनकी यात्रा, उपस्थित अधिकारी कैडेटों की तरह, भारतीय सैन्य अकादमी की नाई की कुर्सी पर एक साधारण बाल कटवाने से शुरू हुई थी। उन्होंने नये अधिकारी कैडेटों को याद दिलाया कि आज वह सिर्फ एक रैंक नहीं पहन रहे हैं, बल्कि वह एक जीवन शैली को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी होने का मतलब है उन लोगों का शांत सम्मान अर्जित करना, जिनका वह नेतृत्व करते हैं। सम्मान कमीशन के साथ नहीं मिलता, यह आचरण, चरित्र और विकल्पों के माध्यम से प्रतिदिन अर्जित किया जाता है। उन्होंने आईएमए के सिद्धांत का हवाला देते हुए जनरल ऑफिसर ने तीन अटल जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला, जिन्हें हर अधिकारी को निभाना चाहिए। पहला, राष्ट्र के प्रति, दूसरा अपने सैनिकों के प्रति और तीसरा हमारे बहादुर दिलों के परिवारों के प्रति। उन्होंने अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान पर ध्यान केंद्रित करके एक सैनिक के चरित्र के मूल मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अनुशासन आत्म-नियंत्रण के बारे में है और ईमानदारी अनदेखी होने पर भी सही काम करना है और निष्ठा रैंक से परे है, और सम्मान वह पवित्र भरोसा है जिसका प्रतिनिधित्व वर्दी करती है और जिसे अत्यंत गर्व के साथ संरक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने जनरल ऑफिसर ने अधिकारी कैडेटों को याद दिलाया कि वह अब देशभक्तों और योद्धाओं की एक अटूट श्रृंखला का हिस्सा हैं, उनसे न केवल गर्व के साथ, बल्कि उद्देश्य के साथ वर्दी पहनने का आग्रह किया। पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्होंने उनके असाधारण प्रयास की प्रशंसा की और दूसरों को भी प्रयास करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने विदेशी अधिकारी कैडेटों की भी सराहना की और उन्हें आईएमए के अनुशासन, अखंडता, निष्ठा, सम्मान और भाईचारे जैसे मूल्यों का राजदूत बताया जो सीमाओं से परे हैं। इस अवसर पर श्रीलंका सेना के प्रमुख ने कहा कि अकादमी ने न केवल सैनिकों को बल्कि देश के भावी संरक्षकों को भी आकार दिया है। जैसे ही उनकी असली यात्रा शुरू होती है, उन्होंने उनसे बुद्धिमत्ता के साथ नेतृत्व करने, सही के लिए लडऩे और एक अरब लोगों की उम्मीदों को गर्व के साथ आगे बढ़ाने का आग्रह किया। इस अवसर पर उन्होंने नये अधिकारी कैडेटों से आगे बढऩे और भारतीय सैन्य अकादमी की विरासत में अपना खुद का अध्याय लिखने का आग्रह किया। उन्हें एक उल्लेखनीय परेड के लिए बधाई देते हुए, उन्होंने उन्हें उस आजीवन भाईचारे की याद दिलाई, जिसके वे अब हैं और उन्हें फील्ड मार्शल मानेकशॉ के शाश्वत शब्दों के साथ छोड़ दिया और सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निडर बनो।
उन्होंने प्रशिक्षकों और अधिकारी कैडेटों को उनकी कड़ी मेहनत और प्रशिक्षण को दर्शाते हुए उत्कृष्ट परेड, बेदाग उपस्थिति और परेड के दौरान सटीकता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा मजबूत और गहरे ऐतिहासिक सैन्य संबंधों को दर्शाती है और दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन और तारीख आईएमए के इतिहास में एक और ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में दर्ज होगी। इस अवसर पर नौ मित्र देशों के 32 अधिकारी कैडेटों सहित 156 नियमित पाठ्यक्रम, 45 तकनीकी प्रवेश योजना और 139 तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम, विशेष कमीशन अधिकारी (एससीओ-54) के कुल 451 अधिकारी कैडेट भारतीय सैन्य अकादमी के पोर्टल से सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए है। इस अवसर पर नये अधिकारी कैडेटों ने प्रेरणादायी उत्साह और जोश का प्रदर्शन किया और शानदार प्रदर्शन किया। वह सारे जहां से अच्छा और कदम कदम बढ़ाए जा जैसे सैन्य धुनों पर शानदार तरीके से मार्च कर रहे थे। इस दौरान हर कदम पर गर्व और जोश झलक रहा था। वे जानते थे कि उनके माता-पिता और प्रियजन हर कदम को बड़े गर्व और स्नेह के साथ देख रहे थे। इस अवसर पर प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर पुरस्कार अकादमी कैडेट एडजुटेंट एनी नेहरा को प्रदान किया गया। योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए स्वर्ण पदक अकादमी के अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक को प्रदान किया गया। इस अवसर पर योग्यता क्रम में दूसरे स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए रजत पदक अकादमी के कैडेट एडजुटेंट एनी नेहरा को प्रदान किया गया। इस दौरान योग्यता क्रम में तीसरे स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए कांस्य पदक बटालियन के अंडर ऑफिसर अनुराग वर्मा को प्रदान किया गया। इस अवसर पर तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम से योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए रजत पदक सार्जेंट आकाश भदौरिया को प्रदान किया गया। तकनीकी प्रवेश योजना (टीईएस-45) से योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट के लिए रजत पदक विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर कपिल को प्रदान किया गया। इस अवसर पर विदेशी देश से मेरिट के क्रम में प्रथम स्थान पर आने वाले अधिकारी कैडेट के लिए पदक विदेशी अधिकारी कैडेट निशान बालामी (नेपाल) को प्रदान किया गया। स्प्रिंग टर्म 2०25 के लिए 12 कंपनियों में से ओवरऑल प्रथम स्थान पर आने के लिए केरेन कंपनी को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया। इस अवसर पर सैन्य अधिकारी व नये अफसरों के अभिभावक आदि शामिल थे।