न्यायालय के फैसले के बाद तस्वीर साफ अंकिता का हुआ था कत्ल

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सीएम धामी ने कातिलों को सजा दिलाने का दिया था वचन
उत्तराखंड(चिरंजीव सेमवाल)। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है। दो साल आठ महीने बाद इंसाफ का दिन आ ही गया जिस फैसले का अंकिता के परिजनों को इंतजार था। न्यायालय के फैसले से आज तस्वीर साफ हो गई कि अंकिता भंडारी का कत्ल पुलकित ने अपने साथियों के साथ एक साजिश के तहत किया था। अंकिता भंडारी को सजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने खुले मंच से वचन लिया था कि हत्याकांड में शामिल एक-एक गुनाहगार को सख्त से सख्त सजा दिलाने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे। उत्तराखण्ड से लेकर देशभर की निगाहें इसी बात पर लगी हुई थी कि अंकिता भंडारी का कत्ल करने वालों को न्यायालय से क्या सजा मिलेगी?
गौरतलब है कि उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई के बाद फैसला आ गया है। अंकिता भंडारी को इंसाफ मिल गया है. तीनों गुनाहगारों को दोषी करार दे दिया गया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। आरोपियों पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। थोड़ी देर में सजा का एलान होना है। अंकिता के पिता की आंखों में उनकी बेटी को खोने का गम साफ झलक रहा था। फैसले से ठीक पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने मेरी बेटी को मारा है. इस मामले में उत्तराखंड के लोगों ने उनके साथ दिया है, उसके लिए वह हाथ जोड़कर सभी का अभिनंदन करते हैं. अंकिता की मां ने कहा था कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा।
तीन साल पुराने इस केस में उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले का इंतजार कर रही थी। सुनवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया गया। सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। करीब दो साल और आठ महीने तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष की ओर से जांच अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए गए. हालांकि, एसआईटी ने इस मामले में 97 गवाह बनाए थे, जिनमें से 47 अहम गवाहों को ही अदालत में पेश किया गया। गत 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था।
बताते चलें एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया। तीनों हत्यारोपियों रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी। इस दौरान कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में शुक्रवार को आने वाले फैसले को लेकर सुरक्षा कड़ी कर दी। कोर्ट परिसर के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई है। वहीं, कोर्ट के बाहर भारी पुलिस की तैनाती है।

क्या है अंकिता भंडारी मर्डर मामला
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक की 22 साल की अंकिता भंडारी की 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी गई थी।अंकिता भंडारी यमकेश्वर ब्लॉक में ही बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। अंकिता भंडारी 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनतरा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी।छह दिन बाद 24 सितंबर को चीला पावर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भंडारी का शव बरामद किया था. इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था. मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।

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