जाति जनगणना का निर्णय ऐतिहासिक, विकसित निर्माण में अह्म

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देहरादून(नगर संवाददाता )। भाजपा ने जाति जनगणना संबंधी निर्णय को ऐतिहासिक एवं विकसित भारत निर्माण में अहम बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार का यह कदम आर्थिक एवं कल्याणकारी नीतियों को अधिक प्रभावी बनायेगा। उन्होंने कहा कि जो सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर आगे बढ़ते हुए अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी भारत के निर्माण में सहायक होंगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जातीय जनगणना पर कांग्रेस की दोगली राजनीति से देश परिचित है। यहां बलबीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय को साहसिक, पारदर्शी मानते हुए सामाजिक न्याय सूचित नीति निर्माण तथा सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस विषय पर विस्तार से बात करते हुए कहा,1931 में ब्रिटिश सरकार के दौरान जातिगत जनगणना की गई थी, तब पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का हिस्सा थे। उस समय हुई जातियों की गणना में ओबीसी वर्ग की संख्या कुल आबादी के 27 करोड़ और हिस्सेदारी में 52 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि तब से आज तक अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर कोई आधिकारिक जाति गणना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1994 वर्ष बाद जातिगत जनगणना को पुनर्जीवित करने का मोदी सरकार का यह निर्णय साक्ष्य आधारित और पारदर्शिता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।
भटट ने कहा कि इससे पूर्व अंतिम जनगणना 2०11 में हुई, परंतु उस गणना में ओबीसी और अन्य जातियों की गणना ना होने से सही आकलन नहीं किया गया। इस दौरान वहीं कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस जब जब विपक्ष में रही जातिगत करना की वकालत करती रही परंतु सत्ता में आने पर उन्होंने इसे कूड़ेदान में ही डालने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2०1० में यूपीए सरकार के तहत इस पर विचार करने के लिए मंत्रियों का समूह तो बनाया गया परंतु 2०11 की गणना में इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को केवल राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया और कभी भी उसे धरातल पर उतारने का प्रयास नही किया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर नेहरू से लेकर राजीव गांधी, डाक्टर मनमोहन सिंह तक कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों ने इसका समय समय पर विरोध किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार से जातीय सर्वेक्षण कराया लेकिन रिपोर्ट तीन साल बाद भी सार्वजनिक नहीं की गई है। लिहाजा कांग्रेस की इस संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर की गई, दोगली राजनीति से देश भलीभांति परिचित है। उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि भाजपा का दृष्टिकोण एकता, कल्याण और सामाजिक सद्भाव वाला है ।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमारा मत है कि लक्षित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों को तभी मिलेगा जब उनके सही आंकड़े उपलब्ध होंगे। हमारी सरकार ने पहले भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण लागू कर सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है । ऐसे में जब मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराएगी, भारतीय समाज का आर्थिक स्वरूप भी देश के सम्मुख होगा । उन्होंने कहा कि जिसके आधार पर ऐसी नीतियां बनेंगी कि समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप सशक्त हो। इस अवसर पर ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का यह कदम हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त करेगा और देश की सामाजिक एवं आर्थिक नींव को मजबूत करेगा। उन्होंने वहीं आग्रह किया कि सभी राजनीतिक दलों को भी अपने-अपने संकीर्ण हितों से ऊपर उठाते हुए राष्ट्र निर्माण की सच्ची भावना से इस निर्णय का समर्थन करना चाहिए। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार में दायित्वधारी सुरेश भट्ट, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी, संपर्क प्रमुख राजीव तलवार, सत्यवीर चौहान भी उपस्थित रहे।

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