नये कीर्तिमान बना रहे धाकड़ धामी

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देहरादून(संवाददाता)। इसमें तो कोई शक नहीं है कि पुष्कर सिंह धामी सरकार के राज में उत्तराखण्ड राज्य नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। अपने छोटे से शासनकाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड को ऐसी कई उपलब्धियों से नवाजा है, जिनकी शायद पर्ववर्ती सरकारों ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिखाए गए सुशासन के मार्ग पर चलते हुए सीएम धामी ने उत्तराखण्ड के पक्ष में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। भेदभाव की राजनीति से इतर सबका साथ, सबका विकास, सबका विकास के प्रधानमंत्री के मंत्र को सीएम पुष्कर सिंह धामी चरितार्थ करने में जुटे हुए हैं और इस दिशा में सदैव नए उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। राज्य में हर वर्ग को एक समान स्नेह प्रदान करने का काम भी सीएम धामी भलिभांति करते हुए अकसर नजर आ ही जाते हैं। उत्तराखण्ड में सुशासन किस तरह से स्थापित है इसका अंदाजा यहां की कानून व्यवस्था को देखकर स्वत: ही लगाया जा सकता है। अकसर यह चर्चाएं रहती है कि जहां एक ओर राज्य में अपराध का ग्राफ और सरकारों की मुकाबले काफी कम हुआ है, वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण पर भी मौजूदा सरकार का डंडा जोरदार तरीके से चल रहा है। आगामी चारधाम यात्रा को लेकर भी धामी सरकार ने जो तैयारियां की हैं, उसको लेकर आवाम से लेकर पार्टी हाईकमान भी गदगद नजर आ रही हैं। एक वक्त था जब सुशासन जैसे शब्दों को लोग मात्र एक कोरी कल्पना ही मानते थे, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। खास तौर पर उत्तराखण्ड में तो अब लोग यह कहने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि सुशासन अर्थात् धामी सरकार, क्योंकि सीएम पुष्कर सिंह धामी के राज में उत्तराखण्ड लगातार आगे बढ़ रहा है और विकास के नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा जल्द शुरू होने वाली है। धार्मिक रूप से देश सबसे महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक चारधाम यात्रा का सफल आयोजन करने के लिए धामी सरकार ने कमर कस रखी है। धामी सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राज्य को विभिन्न राज्यों में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले चिकित्सकों का भी सहयोग मिल सकेगा। एमडी, एमएस और डीएनबी जैसे स्नातकोत्तर कोर्स करने वाले डॉक्टरों को चारधाम यात्रा में सेवा देकर डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम का प्रमाण पत्र मिलेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए इन चिकित्सकों को अलग से तीन माह का प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा इसकी स्वीकृति देने के बाद से ही देश भर के मेडिकल कालेजों और संस्थानों से प्रशिक्षु चिकित्सकों की भागीदारी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। उत्तराखंड सरकार इनके लिए समुचित आवास, खानपान, प्रशिक्षण, सेवा प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करेगी। इससे यात्रा मार्ग पर चिकित्सा इकाइयों को सदृढ़ किया जा सकेगा।
सर्व विदित है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में अनेकों ऐसी योजनाएं और परियोजनाएं शुरू हुई हैं, जो विकास के पथ पर मील का पत्थर साबित हो रही है। हाल ही में सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड की दो बहुद्देशीय टनलों को ब्रेकथ्रू भी मिला है। जनता से संवाद की बात करें तो उत्तराखण्ड की जनता से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जुड़ाव किसी से छिपा नहीं है। अपने प्रदेश की जनता से मिलने के लिए उन्हें किसी कारण या उपलक्ष्य की जरूरत नहीं पड़ती अपितु वह तो कभी भी कहीं भी अपनी चहेती जनता से रूबरू हो जाते हैं। किसी भी राज्य में सुशासन की परिभाषा क्या होती है, यहीं कि उस राज्य की जनता सुरक्षित और खुशहाल रहे तथा सरकार हर कदम पर उनके साथ रहे। उत्तराखण्ड में पिछले कुछ वर्षों यहीं मंजर देखने को मिल रहा है। यहां के मुखिया जनता के दुलारे हैं और जनता, मुखिया को प्यारी है। सुशासन को इससे बड़ा प्रमाण और क्या ही हो सकता है?

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