नई उड+ान भर रहे सीएम

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के अन्दर मुख्यमंत्री ने अपने आपको वो राजनेता बना लिया है जिस पर हर कोई यह विश्वास करने लगा है कि मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों के सामने किये गये वायदों को पूरा करने के लिए हमेशा अपना वचन निभाया है और उनका यह वचन उन्हें राजनीति मे एक नई उडान पर ले चला है। मुख्यमंत्री ने अपने शासनकाल में ऐसे-ऐसे फैसले किये जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता और उन्होंने सिलक्यारा टनल में आये व्यवधान के बाद बाबा बौखनाग के सामने माथा टेकते हुए कहा था कि अगर टनल मे फंसे श्रमिक बाहर आये तो सरकार जल्द से जल्द वहां उनका एक भव्य मन्दिर बनायेगी। मुख्यमंत्री ने टनल के साथ मे बाबा बौखनाग का भव्य मन्दिर बनाकर देश-दुनिया के सामने यह संदेश दे दिया कि उन्होंने जो संकल्प लिया था उसे उन्होंने पूरा कर दिया। उत्तराखण्ड ही नहीं देश के लोग भी अब यह मान चुके हैं कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री अपनी स्वच्छ राजनीति और अपने वचन को निभाने के लिए तब तक आगे खडे रहते हैं जब तक वह उसे पूरा नहीं कर लेते।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने उत्तराखण्ड की राजनीति मे जो एक नई लकीर खींची है उसने उन राजनेताओं और सफेदपोशों की नींद उडाकर रख दी है जो एक लम्बे दशक से उत्तराखण्ड की उस कुर्सी पर आसीन होने का खुली आंखों से सपना देख रहे थे जो उन्हें कभी हासिल ही नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने हमेशा सबको साथ लेकर चलने मे ही विश्वास दिखाया है और आज वह अपनी स्वच्छ और पारदर्शी शैली से उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देशभर में अपनी पहचान एक दबंग और धाकड़ राजनेता के रूप में बना चुके हैं। उत्तराखण्ड में लम्बे अर्से से यह सम्भावना जताई जा रही थी कि मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं को कभी भी दायित्व का तोहफा दे सकते हैं लेकिन दायित्व की चाह रखने वालों का सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया हुआ था कि सरकार जल्द पार्टी नेतोओं को दायित्व सौंपेगी जिसके बाद से ही यह सम्भावना प्रबल हो गई थी कि नवरात्रों में मुख्यमंत्री दायित्वों का गिफ्ट पार्टी नेताओं को दे सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने आखिरकार लम्बे अर्से से दायित्व का सपना देखने वाले काफी नेताओं की इच्छा में चार चांद लगा दिये और उन्होंने नवरात्रों में ही दो बार दर्जनों नेताओं को दायित्व का बडा तोहफा देकर उनके चेहरे पर एक नई मुस्कान ला दी। नवरात्रों में मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने दायित्व बांटने के तोहफों की जो बारिश गढवाल से लेकर कुमांऊ तक की है उससे दायित्व पाने वाले राजनेताओं के चेहरे खूब खिलखिला रहे हैं और अब उन राजनेताओं को भी दायित्व की आस लग रखी है जिन्हें अभी दायित्व का तोहफा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने नवरात्रों में दायित्वों की बारिश करके अपने काफी नेताओं को उसमें खुशबू के रंग बिखेरकर जो नई ताजगी दी है उससे उनके चेहरे खिलखिला उठे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने शासनकाल में सरकार और संगठन के बीच जो जबरदस्त तालमेल बिठा रखा है उसी का परिणाम है कि राज्य में होने वाले चुनाव में हर तरफ कमल खिलता हुआ ही नजर आ रहा है और उससे राज्य के मुख्यमंत्री का राजनीतिक इकबाल देशभर में खूब बुलंद हो रहा है। हैरानी वाली बात है कि पिछले सवा महीने से राज्य के अन्दर सरकार को निशाने पर लेने के लिए कुछ साजिशकर्ताओं ने अपने कलमवीर गुलामों को कठपुतली बनाकर उन्हें अपने इशारे पर नचाते हुए उत्तराखण्ड के अन्दर ऐसा शोर मचाया कि उससे हलचल मची हुई थी। ऐसी अफवाहों के गुब्बारे को जब मुख्यमंत्री ने अपने एक ही निशाने से फुस्स कर दिया तो उससे साजिशकर्ताओं की नींद ही उड गई। मुख्यमंत्री आज जिस बुलंदी के साथ आगे बढ रहे हैं उससे हर वो राजनेता डरा और सहमा हुआ है जो मुख्यमंत्री को अस्थिर करने के लिए हमेशा पर्दे के पीछे से साजिशें करने से बाज नहीं आ रहा है?

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