देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री लम्बे अर्से से राज्य के किसानों की किस्मत बदलने के लिए बडे विजन के साथ काम कर रहे हैं और उन्होंने साफ संदेश दे रखा है कि उत्तराखण्ड में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार उस विजन पर आगे बढ़ रही है जिससे कि किसानों की किस्मत ही बदल जायेगी। सीएम ने किसानों की किस्मत में चार चांद लगाने के लिए राज्य कैबिनेट बैठक में मिलेट्स, कीवी और ड्रैगन फ्रूट को लेकर नीति पर बडी मोहर लगाई है जिससे अब आने वाले समय में किसानों का भविष्य चमकता हुआ नजर आयेगा और राज्य के किसान भी इसकी खेती से आत्मनिर्भर बनकर उत्तराखण्ड सरकार के मुखिया के विजन को जरूर सैल्यूट करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार किसानों को परम्परागत खेती के बजाय नगदी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसी क्रम में राज्य कैबिनेट ने बीते दिनों मिलेट्स पॉलिसी, कीवी नीति और ड्रैगन फ्रूट खेती की योजना पर मुहर लगाई है, जिसमें कुल मिलाकर 3 लाख 17 हजार से अधिक किसान लाभांवित होंगे। उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट्स पालिसी के तहत राज्य सरकार ने 2०3०-31 तक 11 पर्वतीय जिलों के लिए कुल 134.89 करोड रुपए की कार्ययोजना पर मुहर लगाई है। इसमें मण्डुवा, झंगोरा, रामदाना, कौणी एवं चीना उत्पादक किसानों को बीज एंव जैव उर्वरक पर 8० प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, साथ ही कृषको को मिलेट की बुवाई करने पर पंक्ति बुवाई पर रु० 4००० प्रति हैक्टेयर और सीधी बुवाई पर रु० 2००० प्रति हैक्टेयर की प्रोत्साहन धनराशि दी जायेगी। मिलेट पॉलिसी के तहत प्रत्येक वर्ष विकासखण्ड स्तर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए ०2 कृषक समूह को पुरस्कार किया जायेगा। साथ ही प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर ०1 मिलेट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जायेगी। योजना के तहत 3 लाख से अधिक किसानों को लाभ देने का लक्ष्य है। सरकार इसके तहत श्रीअन्न फूड पार्क की स्थापना भी करेगी।
इसी तरह उत्तराखण्ड कीवी नीति के तहत वर्ष 2०3०-31 तक राज्य सरकार कीवी उद्यान स्थापना के लिए कुल लागत 12 लाख प्रति एकड़ का 7० प्रतिशत राजसहायता प्रदान करेगी। जिसमें 3० प्रतिशत लाभार्थी का अंश होगा। यह नीति भी हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोड़कर राज्य के शेष 11 जनपदों में लागू होगी। कीवी पालिसी के अन्तर्गत कुल रु० 894 करोड की कार्ययोजना तैयार की गई है, नीति के तहत 35०० हैक्टेयर क्षेत्रफल को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है, जिसमे करीब 175०० किसान लाभान्वित होंगे। अभी राज्य के लगभग 683 हैक्टेयर के क्षेत्रफल में 382 मैट्रिक टन कीवी का उत्पादन किया जा रहा है। इसी तरह ड्रैगन फ्रूट खेती योजना के उधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून, टिहरी में ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन को आधुनिक वैज्ञानिक पद्यति के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। योजना के तहत वर्ष 2०27-28 तक15 करोड़ की धनराशि खर्च की जाएगी। जिससे 45० किसान लाभांवित होंगे। प्रस्तावित योजना में उद्यान स्थापना के लिए ०8 लाख प्रति एकड़ का 8० प्रतिशत राजसहायता का प्राविधान है एवं शेष 2० प्रतिशत कृषक द्वारा वहन किया जाएगा। वर्तमान में राज्य के लगभग 35 एकड़ क्षेत्रफल में 7० मै०टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी का साफ मानना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय को दुगना करने के लिए लम्बे समय से बडे विजन के साथ काम कर रहे हैं और उसके चलते देश के किसान आत्मनिर्भर होते हुये आगे बढ़ रहे हैं। उनका मानना है कि उत्तराखण्ड के किसानों को भी सरकार ने आत्मनिर्भर बनाने के लिए बडी योजनाओं को धरातल पर उतारने का संकल्प लिया हुआ है और अब सरकार ने मिलेट्स, कीवी और डैऊगन फ्रूट उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन देने का जो दौर शुरू किया है उससे किसानों की बल्ले-बल्ले होनी तय है।