आपदा से टकराएंगे ‘परायमीÓ पुष्कर

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प्रमुख संवाददाता
चमोली/देहरादून। चमोली जिले में स्थित बद्रीधाम के पास माणा गांव में एक भयानक ग्लेशियर टूटने से उसमें सीमा सड़क संगठन के दर्जनों श्रमिक मलवे मे फंस गये और इस हादसे ने सरकार व सिस्टम के पैरों तले जमीन खिसका दी। चमोली प्रशासन को जैसे ही इस हादसे की खबर मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी सीधे मुख्यमंत्री को दी। बर्फ के मलवे में मजदूरों के दबे होने की खबर के बाद मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाल लिया और उसके बाद आपदा से टकराने के लिए पराक्रमी पुष्कर आगे बढ़ निकले। आपदा केन्द्र मे जाकर मुख्यमंत्री ने आला अफसरों के साथ एवलांच हादसे पर अपनी पैनी नजर बनायी और उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल की तर्ज पर उन्होंने खुद मोर्चा संभाल लिया। मुख्यमंत्री ने इस हादसे की खबर तत्काल गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को दी जिसके बाद सेना को मोर्चे पर भेजा गया और उसकी आई बैक्स बिग्रेड ने तेजी से बचाव अभियान का ऑपरेशन शुरू किया और बाहरी बर्फवारी के बीच उन्होंने दोपहर तक सोलह श्रमिकों को बर्फ से निकालकर उन्हें इलाज के लिए भेजा और अतिरिक्त सैनिकों को भी वहां उपकरण के साथ भेजा जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री की पहल पर गृहमंत्री ने डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात कर उन्हें तत्काल हादसे मे फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के आदेश दिये और कहा कि बर्फ मे दबे सभी लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आपदा से टकराने के लिए जिस तरह पराक्रमी रूप दिखाया है उसे देखकर उत्तराखण्ड की जनता भी यह मान गई कि राज्य के मुख्यमंत्री पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गये हैं जो राज्य में हर हादसे के बाद खुद मोर्चे पर तब तक डटे रहते हैं जब तक बचाव का ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के पास माणा गांव में एक भयानक ग्लेशियर टूटने की घटना सामने आने से सरकार व चमोली प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें पड गई। इस आपदा में सीमा सड़क संगठन के 57 श्रमिक मलबे में दब गए। बर्फ में दबे लोगों को सकुशल बचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद मोर्चा संभाला और वह सचिवालय के आपदा केन्द्र में अफसरों के साथ पहुंचे और उन्होंने वहां से बचाव व राहत कार्य के लिए ऑपरेशन शुरू करवाया। मुख्यमंत्री ने इस हादसे की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी जिसके बाद सेना की आई बैक्स बिग्रेड को ऑपरेशन में लगाया गया जिसके बाद इस बिग्रेड ने दोपहर तक 16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला और शेष 41 मजदूरों की तलाश के लिए बडा ऑपरेशन चलाया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर बात की तो उसके बाद अमित शाह ने एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमों को बचाव ऑपरेशन में शामिल होने के आदेश दिये। मौसम खराब होने की वजह से वायु सेना का हैलीकाप्टर बचाव व राहत कार्य के लिए मोर्चा नहीं संभाल पाया था। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने कहा कि हिमस्खन बीआरओ सडक निर्माण साइट के पास हुआ है और वह लगातार इस बचाव ऑपरेशन पर अपनी नजर बनाये हुये हैं। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी, सेना, स्थानीय प्रशासन और वायु सेना से बात हो गई है सभी बचाव कार्य में लगे हुये हैं और अभी मौसम खराब है जिस कारण बचाव कार्य में हैलीकाप्टर नहीं उतर पाये हैं लेकिन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं और उनका प्रयास है कि जल्द से जल्द फसे लोगों को बाहर निकाला जाये।
वहीं ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, बचाव कार्य में आ रही दिक्कतें चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण हेलीकॉप्टर और अन्य बचाव उपकरण मौके पर भेजना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें पैदल घटनास्थल की ओर रवाना हो गई हैं। पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी कि एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से भेजने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, ड्रोन टीम को अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन खराब मौसम के कारण अभी ड्रोन ऑपरेशन संभव नहीं हो पाया है।

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