मंत्री के खिलाफ ‘विद्रोह’

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के कद्दावर मंत्री ने सदन के अन्दर पहाड व पहाड के लोगों पर अपमानजनक टिप्पणी कर उत्तराखण्ड के अन्दर एक नये बवाल को जन्म दे दिया। मंत्री के बयान से नाराज लोगों मंे आक्रोश की ज्वाला भडक उठी और उसी के चलते पहाड से लेकर मैदान तक मंत्री के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी सुलग गई और उससे एकाएक पुष्कर सरकार के सामने भी एक बडी विपदा आकर खडी हो गई। मंत्री द्वारा पहाड के लोगों पर की गई अपमानजनक टिप्पणी से सोशल मीडिया पर मंत्री के खिलाफ आक्रोश दिखाई दे रहा है और समूचा सोशल मीडिया मंत्री के इस बयान पर अपनी नाराजगी दिखाते हुए उन्हें मंत्री मण्डल से बर्खास्त करने की मांग को लेकर सडकों पर निकल पडा है। मंत्री का आक्रोश मंे सदन के अन्दर पहाड के लोगों पर टिप्पणी किये जाने से हर तरफ धरने, प्रदर्शन और मंत्री के पुतले फूंके जा रहे हैं जिससे एकाएक विपक्ष को बैठे बिठाये सरकार को घेरने का हथियार मिल गया है।
सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान पहाड व पहाड के लोगों पर अपमानजनक टिप्पणी किये जाने से जहां सदन के अन्दर काफी गहमागहमी देखने को मिली थी वहीं सडकों पर भी मंत्री के इस बयान के बाद एक नया भूचाल मच गया और हर तरफ मंत्री को पहाड विरोधी बताकर उनके खिलाफ खुले विद्रोह का बिगुल बजाकर पुष्कर सरकार को कटघरे मे लाकर खडा कर दिया? मंत्री के इस विवादित बयान ने उत्तराखण्ड के अन्दर एक बार फिर राजनीतिक तापमान गर्मा दिया है और राज्य के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों मंे मंत्री की टिप्पणी को लेकर बेहद नाराजगी है और उन्होंने मंत्री को कटघरे मे खडा करते हुए उनका इस्तीफा मांगना शुरू किया है और जगह-जगह उनके खिलाफ धरने, प्रदर्शन तो हो ही रहे हैं साथ में उनके पुतले भी फूंके जा रहे हैं जिससे एकाएक उत्तराखण्ड की सियासत मंे भूचाल मच गया है। जहां सडकों पर मंत्री के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजाकर आम जनमानस उन्हें पहाड विरोधी करार दे रहा है तो वहीं सोशल मीडिया पर मंत्री की टिप्पणी को लेकर बेहद नाराजगी दिखाई दे रही है और जिस तरह से सोशल मीडिया मंत्री की टिप्पणी को लेकर नाराजगी से भरा हुआ दिखाई दे रहा है उससे बैठे बिठाये विपक्ष को भी एक नया मुद्दा मिल गया है जिसके चलते वह सरकार को घेरने के लिए आगे बढ़ रहा है। सवाल यह पनप रहा है कि आखिरकार कैबिनेट मंत्री को ऐसा विवादित बयान देने की क्या जरूर आ पडी थी जिसके चलते राज्य का राजनीतिक तापमान गरमा गया और जिस सरकार की धाकड कार्यशैली से आम आदमी गदगद नजर आ रहा था वह आम जनमानस अब सडकों पर कैबिनेट मंत्री के पहाड विरोधी बयान को लेकर विद्रोह की मशाल उठाकर मंत्री को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करने की मांग पर आगे आ खडा हुआ है।

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