विकास का दर्पण है बजट

0
55

देहरादून(नगर संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2०25-26 का सदन में पेश किया गया यह बजट समावेशी, सतत विकास, समरसता और आर्थिकी नीतियों का दर्पण है। यहां विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट सिद्धि का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने ०1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट ईकोलॉजी, इकोनोमी, इन्नोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउन्टेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रीवर फ्रंट डेवेलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता पंचामृत पांच तत्वों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि यह नए युग का आरंभ है। उन्होंने कहा कि यह नमो को समर्पित उत्तराखण्ड बजट है। उन्होंने कहा कि नवाचार, आत्मनिर्भर, महान विरासत, ओजस्वी और नवाचार, आत्मनिर्भर, महान विरासत को समर्पित उत्तराखंड का बजट है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन और आयुष को आधार बनाया गया है। ये हमारे सप्तऋषि हैं। औद्योगिक परिवेश से समृद्धि आयेगी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहायता के लिए रूपये 5० करोड़ का प्रावधान किया गया है और उन्होंने कहा कि मेगा इंडस्ट्रियल, मेगा टेक्सटाइल नीति हेतु रूपये 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है और प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्टअप और एंटप्रीनियोरशिप योजना हेतु रूपये 3० करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मजबूत होता इंफ्रास्ट्रक्टचर, सशक्त बनता उत्तराखण्ड, मेगा प्रोजेक्ट हेतु 5०० करोड़ का प्रावधान किया गया है और जमरानी बांध परियोजना हेतु 625 करोड़ का प्रावधान किया गया। सौंग परियोजना हेतु रूपये 75 करोड़ का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लखवाड़ परियोजना हेतु रूपये 285 करोड़ का प्रावधान किया गया। जल जीवन मिशन हेतु रूपये 1843.44 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि नगरीय पेयजल योजना हेतु रूपये 1०० करोड़ का प्रावधान है और अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु रूपये 6० करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है और अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास हेतु रूपये आठ करोड़ का प्रावधान किया गया है और सुदृढ़ कनेक्टिविटी, सुदृढ़ उत्तराखंड बन रहा है और लोनिवि हेतु रूपये 1268.7० करोड़ का प्रावधान किया गया। पीएमजीएसवाई हेतु रूपये 1०65 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक उड्डयन विभाग हेतु रूपये 36.88 करोड़ का प्रावधान किया गया और बस अड्डों के निर्माण हेतु रूपये 15 करोड़ का प्रावधान किया गया। राजस्व मद से सड़क अनुरक्षण हेतु रूपये 9०० करोड़ का प्रावधान किया गया। स्थाई पर्यटन विकास सुनिश्चित करने के लिए संयोजकता, सुरक्षा और सुगमता पर ध्यान दिया गया है और बजट से पर्यटन से खुशहाली आयेगी। उन्होंने कहा कि टिहरी झील के विकास हेतु 1०० करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि मानसखंड माला मिशन हेतु 25 करोड़ का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना अंतर्गत रूपये 2० करोड़ का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन पर्यटन स्थलों के विकास हेतु रूपये 1० करोड़ का प्रावधान किया गया है और चारधाम मार्ग पर आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु रूपये 1० करोड़ का प्रावधान किया गया है और संस्कृति का संरक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेले के आयोजन हेतु रूपये सात करोड़ का प्रावधान किया गया है और अद्र्ध कुंभ की प्रारंभिक तैयारी हेतु रूपये 1० करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय हेतु रूपये 2.64 करोड, विभिन्न मेलों के आयोजन हेतु रूपये एक करोड़ का प्रावधान किया गया है और संग्रहालय भवन निर्माण हेतु रूपये तीन करोड़ का प्रावधान किया गया है तथा महान विभूतियों की मूर्तियों हेतु रूपये 1.5० करोड़ और समग्र विकास को सरकार समर्पित है और विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु रूपये 1811.66 करोड़ का प्रावधान किया गया है और अन्नपूर्ति योजना हेतु रूपये 6०० करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण हेतु रूपये 2०7.18 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी हेतु 54.12 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आवास हेतु अनुदान 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य खाद्यान्न योजना हेतु रूपये 1० करोड़ का प्रावधान किया गया है और पर्यावरण मित्र बीमा हेतु रूपये दो करोड़ का प्रावधान किया गया है।

LEAVE A REPLY