जनसंघर्ष मोर्चा ने एक बार फिर मंत्री गणेश जोशी पर ‘ताना निशाना’

0
46

विकासनगर(संवाददाता)। उत्तराखण्ड जनसंघर्ष मोर्चा सरकार के अन्दर हो रहे भ्रष्टाचार व घोटाले करने वालों के खिलाफ सीधी जंग का ऐलान किये हुये हैं और वह लगातार सरकार को निशाने पर ले रहे हैं कि आखिरकार वो कौन चेहरे हैं जो भ्रष्टों को बचाने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। जनसंघर्ष मोर्चा की दहाड है कि वह राज्य में हर उस भ्रष्ट नेता और अफसर के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी जो राज्य की जनता के साथ छल कर अकूत दौलत कमाने के एजेंडे पर आगे बढे हुये हैं। जनसंघर्ष मोर्चा ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ सीधी लडाई लडने का मनसूबा पाल रखा है और राज्य में हुये कई घोटालों की जांच दफन होने पर वह हमेशा आग बबूला नजर आती हैं। एक बार फिर जनसंघर्ष मोर्चा ने राज्य के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर अपना निशाना साधा है और उन्होंने यहां तक दहाड लगाई है कि दागी मंत्री गणेश जोशी को अब मंत्री परिषद भी नही बचा पायेगी और वह इस मामले को न्यायालय में ले जायेंगे। जनंसघर्ष मोर्चा का खुला आरोप है कि मंत्री के पास सैकडों करोड की अघोषित सम्पत्ति है लेकिन इस पर कभी भी सिस्टम ने कोई जांच करने की दिशा में अपने कदम आगे बढाये हों ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। जनसंघर्ष मोर्चा विपक्ष की तरह सरकार को हर मोर्चे पर ललकारता हुआ आ रहा है और जन मुद्दों को लेकर जनसंघर्ष मोर्चा जिस आक्रामक शैली से सरकार को कटघरे मे खडा करने के लिए आगे बढ रहा है उससे जनसंघर्ष मोर्चा पर आम जनमानस एक बडा विश्वास दिखाने लगा है। जनसंघर्ष मोर्चा में इस बात को लेकर खुली नाराजगी है कि एक ओर तो सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई लडने का दावा कर रही है वहीं जब उनके दागी मंत्री गणेश जोशी पर कार्यवाही करने की बात आई तो सरकार खामोश हो गई और अब जनसंघर्ष मोर्चा ने मंत्री परिषद को यह कहकर ललकार दिया है कि वह दागी मंत्री पर कार्यवाही को लेकर जिस तरह से खामोश है वह अब इस मामले को न्यायालय में ले जाकर दागी मंत्री के खिलाफ कार्यवाही करने की लडाई लडेगे।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मंत्री परिषद द्वारा दागी मंत्री गणेश जोशी को अभयदान, बचाव करने के मामले में पुन: जांच कराने को लेकर राजभवन, सरकार और मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर कार्यवाही की मांग की है। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि स्पेशल विजिलेंस जज ने दो सितम्बर 2०24 को मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने को लेकर मंत्रिपरिषद, गोपन को आठ अक्टूबर 2०24 तक फैसला लेने हेतु इस प्रकरण में अपनी सहमति देने का आग्रह किया था, लेकिन आठ अक्टूबर 2०24 को मंत्रिपरिषद ने बहुत ही चालाकी से मंत्री को बचाने, अभयदान देने व मामला रफा- दफा करने के उद्देश्य से वादी, शिकायतकर्ता को शपथ पत्र दाखिल करने हेतु दो पत्र जारी किए। उन्होंने कहा कि जिसमें उल्लेख किया गया कि अपने शिकायती पत्र के समर्थन में शपथ पत्र जमा करें। उन्होंने कहा कि वादी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बजाय उल्लेख किया गया कि जो भी दस्तावेज चाहिए, उन्होंने कहा कि यायालय से प्राप्त कर लें, लेकिन इस मामले में मंत्री परिषद, गोपन विभाग द्वारा न्यायालय से कोई दस्तावेज प्राप्त करने की जहमत नहीं उठाई गई, बल्कि यह उल्लेख कर मामला समाप्त कर दिया कि कोई आवश्यकता इस मामले में प्रतीत नहीं होती है तथा मामला निक्षेपित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि यहां प्रश्न यह उठता है कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तथा जांच भी न्यायालय के निर्देश पर हो रही है एवं इसके अतिरिक्त न्यायालय ने मंत्री परिषद, गोपन विभाग को दस्तावेज प्रेषित किए थे तो फिर शपथ पत्र की जरूरत क्यों आन पड़ी। उन्होंने कहा कि प्रश्न यह भी उठता है कि यहां सरकार मामले की जांच नहीं करा रही, बल्कि न्यायालय के निर्देश पर ही सब कुछ हो रहा है तो फिर शपथ पत्र का बहाना क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे दागी मंत्री, जिनके पास बीस- बाईस साल पहले संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं था, आज इन बीस-बाईस वर्षों में करोड़ों के साम्राज्य स्थापित कर लिए हैं तथा सैकड़ो करोड रुपए की ही अघोषित, बेनामी संपत्तियां इक_ी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दागी मंत्री को सरकार में बने रहना बने रहने देना जनता के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि मोर्चा सरकार व राजभवन से मांग करता है कि उक्त भ्रष्टाचार के मामले में पुन: कार्रवाई करने का काम करें, जिससे ऐसे दागी मंत्री जेल की शोभा बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि अगर इस शीघ्र ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो मोर्चा उक्त दागी मंत्री गणेश जोशी को न्यायालय में घसीटेगा।

LEAVE A REPLY