संस्कृत में एक मॉडल के रूप में बढ़ेंगें आगे

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देहरादून(नगर संवाददाता)। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि ध्वजवाहकों के बीच उपस्थित होकर हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के गौरव को पुन: स्थापित करने के लिए और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढाने के लिए प्रमुख भूमिका निभाते है। संस्कृत भाषा अन्य भाषा का मूल आधार है और प्रधानमंत्री का प्रयास होता है कि संस्कृत भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि संस्कृत में एक मॉडल के रूप में आगे बढेंगें और इस क्षेत्र में भी मॉडल के रूप में आगे आयें। यहां मुख्य सेवक सदन में संस्कृत प्रतिभा सम्मान डाक्टर भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति तथा गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उपनिषदों की रचना संस्कृत में किया गया है और संस्कृत की व्यापकता का प्रमाण खगोल शास्त्र से शल्य चिकित्सा सहित अनेकों ग्रंथों की रचना संस्कृत में की गई है। उन्होंने कहा कि भारत की विरासत के संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य किये जा रहे है और संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है और स्कूली शिक्षा में संस्कृत भाषा का नवाचार किया जा रहा है और संस्कृत साहित्य को ऑनलाइन किया गया है और विभिन्न राज्यों में संस्कृत ग्राम भी स्थापित किये जा रहे है और कनार्टक के मठठूर गांव का उदाहरण हमारे सामने है जहां पर संपूर्ण जीवन संस्कृत में ही चलता है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही का एआई के माध्यम से अनुवाद किया है और एआई के माध्यम से संस्कृत का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार होगा और उत्तराखंड संस्कृत अध्ययन व शोध का केन्द्र रहा है और यहां पर आदि शंकराचार्य सहित अन्य ऋषि मुनियों ने तपस्या और तपस्थली रही और अध्यात्म व योग का भी शोध केन्द्र रहा है और यहां पर संस्कृत ग्रंथों की रचना की है और हर दिशा में संस्कृत की भाषा आगे बढ़े और संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृत की पवित्र ज्योति को उत्तराखंड में प्रज्जवलित किया जाये यह सरकार की प्रतिबद्धता है और विद्यालयों में संस्कृत भाषा के गार्गी छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की गई है और सभी वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है और डाक्टर भीमराव अंबेडकर योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के माध्यम से अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है और राज्य के तेरह जिलों में तेरह संस्कृत ग्राम योजना को विकसित किया जायेगा और संस्कृत विद्यार्थियों की सरकारी सहायता शोध कार्यों व रोजगार के अवसर के लिए प्रयास किये जा रहे है और सभी विभागों के कार्यालयों व अधिकारियों की नामपट्टिका को भी संस्कृत में लिखने की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में देवभूमि अनेक नवाचारों के रूप में जानी जा रही है और जो कानून बन रहे है वह देश के लिए उदाहरण बन रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में जो कानून बन रहे है और वह देश के लिए नजीर बन रहे है। उन्होंने कहा कि नकल का सख्त कानून बनाया है और बीस हजार से अधिक युवक एवं युवतियों को नौकरियां प्रदान करने में सफल रहे है और देश के अंदर रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए और उत्तराखंड ने राज्य में यूसीसी को लागू किया और नीति आयोग की इंडैक्स में उत्तराखंड पहले स्थान पर आया है और बेरोजगारों दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में रहने वाले प्रवासी भी गौरवान्वित हो रहे है और अनेकों कार्यक्रमों में आमंत्रित कर रहे है और राज्य के विकास में सम्मिलित कर रहे है और उनके सुझाव ले रहे है और संस्कृत में एक मॉडल के रूप में आगे बढेंगें और इस क्षेत्र में भी मॉडल के रूप में आगे आयें। उन्होंने कहा कि मंदिर व देवालयों का नवनिर्माण हो रहा है और यह एक स्वर्णिम काल है और एक दिन संस्कृत पूजा पाठ तक सीमित नहीं रहेगी और आम बोलचाल की भाषा भी होगी और उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अनेक अधिकारी एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

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