सीएम का विकास को लेकर दिखता जुनून

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड की जनता भी अब यह स्वीकार कर चुकी है कि अगर किसी राजनेता में विकास करने का जुनून हो तो फिर विकास की जो बयार बहती है उसका अक्श सबके सामने दिखाई दे जाता है। उत्तराखण्ड में बाइस सालों से विकास का पहिया आगे बढने का नाम ही लेता था जिसको लेकर हमेशा डबल इंजन सरकार को राज्यवासी कटघरे में खडा करते थे कि अगर डबल इंजन सरकार भी विकास के इंजन को तेजी से आगे नहीं दौडा पा रही तो फिर उत्तराखण्ड का विकास हमेशा हवा-हवाई के अलावा कुछ नजर नहीं आयेगा। उत्तराखण्ड की कमान जबसे युवा मुख्यमंत्री के हाथों में आई है तबसे उन्होंने उत्तराखण्ड को गुलजार करने के लिए बडा संकल्प लिया हुआ है और संकल्प को वह सच करने के लिए धरातल पर एक बडे जुनून के साथ विकास के रथ पर सवार होकर तेजी के साथ आगे दौड लगा रहे हैं और आज राज्य के अन्दर मुख्यमंत्री को विकास का सरताज माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को गुलजार करने के लिए रात-दिन एक किया हुआ है और वह राज्य को हर क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने के लिए जिस विजन के साथ आगे बढ रहे हैं उससे राज्यवासियों को मुख्यमंत्री की विकास यात्रा सुखद भाव दे रही है और भाजपा हाईकमान भी यह समझ चुका है कि आज उत्तराखण्ड एक ऐसे सुरक्षित हाथों मे है जो उत्तराखण्ड को विकास की नई उडान पर ले जाने मे ही विश्वास रखकर देशभर मे अपने नाम का डंका बजा रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अभेद विश्वास करते हुए उन्हें उत्तराखण्ड के विकास का नक्शा सुनहरे अक्षरों में भरने का टास्क दिया था और इसी टास्क को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक संकल्प के साथ विकास की एक लम्बी यात्रा पर सफर करने का जो जज्बा दिखाया उसके चलते आज उत्तराखण्ड की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना रक्षक और राज्य का विकास पुरूष मानने लगी है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने उत्तराखण्ड को विकास की नई राह पर ले जाने के लिए उन्हें अपना खुला साथ दे रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब भी दिल्ली जाते हैं तो वह राज्य की झोली में विकास की बडी-बडी योजनाओं को लाकर अपनी इच्छाशक्ति से राज्यवासियों को रूबरू कराते हैं कि उनका एक ही मिशन और एक ही एजेंडा है कि डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में उत्तराखण्ड विकास की उस ऊंचाई पर बढ निकले जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कार्यकाल स्वर्ण अक्षरों में राज्य के अन्दर लिखता हुआ दिखाई दे रहा है क्योंकि उन्होंने अपने अब तक के कार्यकाल में विकास को ही अपना राजनीतिक धर्म माना है और विकास की जिस यात्रा पर वह आये दिन निकलते हैं उससे पहाड से लेकर मैदान तक अब गुलजार होते हुए नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने एक बडी सोच के साथ मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडने के लिए जो नई उडान भरने का दौर शुरू किया उस दौर में मातृशक्ति अपने रोजगार के बल पर आत्मनिर्भर होती जा रही हैं और उन्हें यह विश्वास हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ऐसे राजनेता हैं जो विकास के सरताज बन गये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने विकास को ही पहले पायदान पर रखा है और आज पहाड के वो जिले जो हमेशा विकास की राह देखते रहते थे आज वो पहाड गुलजार होते हुए नजर आ रहे हैं और वहां के विकास का जो एक नया अध्याय लिखा जा रहा है उससे पहाड की जनता मुख्यमंत्री की विकास यात्रा को देखकर उनकी मुरीद हो रखी है। मुख्यमंत्री ने अपने अब तक के कार्यकाल में किसी भी जनपद में विकास को अधूरा नहीं रखा और वह हर जनपद में विकास की एक वो इबारत लिख रहे हैं जिसकी कल्पना करना असंभव ही दिखाई देता है। मुख्यमंत्री को आज राज्य के अन्दर विकास पुरूष भी माना जा रहा है क्योंकि वह विकास के एजेंडे पर ही अपने आपको आगे रखते आ रहे हैं और उसी के चलते आज उत्तराखण्ड में डबल इंजन इतनी रफ्तार से दौड रहा है जिसकी कल्पना राज्यवासियों ने शायद कभी नहीं की थी।

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