भूमि बचाने के लिए दर दर भटक रहा वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का परिवार

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देहरादून(नगर संवाददाता)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि देश की आजादी में अहम योगदान निभाने वाले स्वर्गीय वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजन आज अपनी जमीन बचाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को विवश है और तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने वीर चन्द्र सिंह गढवाली के परिवार को हल्दूखाता बिजनौर में साठ बीघा भूमि 9० वर्ष की लीज पर दी थी और अब वन विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर नोटिस दिया है और पांच साल व्यतीत होने के बाद भी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार इस ओर ठोस पहल नहीं कर पाई है और उन्होंने दोनों सरकारों से मांग की है कि परिजनों को भूमिधरी का अधिकार प्रदान किया जाये।
यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पहले अमृत महोत्सव के बाद अब अमृतकाल चल रहा है का देश भर में प्रचार व प्रसार किया गया और अब अमृतकाल में देश की आजादी में अहम योगदान निभाने वाले स्वर्गीय वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजन आज दर दर की ठोकरें खाने को विवश है और वीर चन्द्र सिंह गढवाली गढवाल राईफल्स में सैनिक थे तो 23 अप्रैल 193० में पेशावर में लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ जुलूस निकाला तो अंग्रेजी सेनापति ने फायर करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली ने फायर करने से इंकार कर दिया और उन्होंने सीस फायर का आदेश सैनिकों को दिया और सभी को गिरफ्तार कर लिया गया और वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को 11 साल की कैद हो गई और उसके बाद 1946 में उन्हें फिर से तीन साल की कैद हुई और कुल 14 साल की कैद वीर चन्द्र सिंह गढवाली को हुई और जीते जी कोई भी सरकार उन्हें उचित सम्मान नहीं दे पाई।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली से बडा कोई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है और आज अमृत काल में वीर चन्द्र सिंह गढवाली का परिवार अपनी जमीन बचाने के लिए दर दर भटक रहे है और वन प्रभाग बिजनौर ने 3० सितम्बर 2०18 को जमीन पर अतिक्रमण मानकर खाली करने का आदेश दिया लेकिन उस समय योगी सरकार के हस्तक्षेप के बाद मामला दब गया लेकिन वीर चन्द्र सिंह गढवाली की पुत्रवधु विमला देवी ने विभागीय अधिकारी को पत्र दिया लेकिन आज पांच साल व्यतीत होने पर भी इस पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही लीज को रिन्यूवल किया गया और न ही उन्हें भूमिधरी का अधिकार दिया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा गया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी वह मिलेंगें और इस मामले को प्रमुखता के साथ उनके समक्ष रखेंगें। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र सिंह मोदी से मिलना होगा तो वह मिलेंगें क्योंकि इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने लडाई शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सरकार को भी इस परिवार को भूमि देनी चाहिए और वीर चन्द्र सिंह गढवाली के परिजनों को इस मामले में जो भी खर्चा होगा उसे देवभूमि मानव विकास ट्रस्ट द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार संघर्ष कर रहा है और यह मामला स्वतंत्रता संग्राम से जुडा हुआ है और इसके लिए वह व्यापक स्तर पर कार्य करेंगें और परिवार को न्याय दिलायेंगें। इस अवसर पर वार्ता में पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत, प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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