सीएम साहब कर्मकार कल्याण बोर्ड की सीबीआई से कराओ जांच

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विकासनगर(संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में पहले भ्रष्टाचार और घोटालों पर जिस तरह से अपनी सख्ती दिखा रखी है उसको देखते हुए अब यह सवाल खडे होने लगे हैं कि क्या सरकार के मुखिया उन भ्रष्टाचार और घोटालों की सीबीआई जांच कराने के लिए आगे आयेंगे जिनकी जांच एसआईटी या कमिश्नरी से कराई जा रही है? जन संघर्ष मोर्चा अब भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ आक्रमक होता जा रहा है और उसका कहना है कि कर्मकार बोर्ड की जांच कमिश्नरी से कराना नकाफी है इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाये क्योंिक 15० करोड की खरीद व स्कील करने का भी महाघोटाला हुआ है और 1०7 बीघा जमीन हथियाने का भी मामला हमेशा उफान पर रहा है इसके साथ ही प्राईवेट अस्पतालों को करोडो रूपये की बंदरबांट और खाद्यान्न कीट में भी घोटाले होने की आशंकाये प्रबल हैं इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराना जरूरी है। कर्मकार बोर्ड में हुये महाघोटाले की गूंज लम्बे समय से राज्य के गलियारों में गूंजती रही है इसलिए अब एक बार फिर जन संघर्ष मोर्चा ने कर्मकार बोर्ड में हुये महाघोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए मुख्यमंत्री से मांग कर उत्तराखण्ड की सियासत में एक बार फिर हलचल मचा दी।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कल ही सरकार द्वारा कर्मकार कल्याण बोर्ड के साइकिल घोटाले की जांच के मामले में कमिश्नरी जांच के आदेश दिए हैं, जोकि सराहनीय कदम है, लेकिन ये नाकाफी है तथा इसकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए। नेगी ने कहा कि पूर्व मंत्री एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष हरक सिंह रावत की सरपरस्ती में कर्मकार कल्याण बोर्ड ने लगभग 15० करोड रुपए की खरीद की, जिसकी खरीद एवं वितरण के बारे में कुछ अता-पता नहीं है। वर्ष 2०17 से लेकर वर्ष 2०21 तक 81173 लोगों को स्किल करने के नाम पर 33.77 करोड रुपए जी एंड जी स्किल डेवलपर्स को भुगतान किए गए तथा लगभग 1०० करोड रुपए मूल्य की घटिया साइकिल, वेल्डिंग मशीन, टूल किट, सोलर लालटेन, छाते व अन्य सामान की खरीद की गई द्यइसके अलावा लगभग 3.25 लाख खाद्यान्न किट कोरोना के समय लगभग 35 करोड रुपए में खरीदी गई। इसके साथ-साथ हरक सिंह रावत द्वारा शंकरपुर ,सहसपुर में लगभग 1०7 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का मामला भी बहुत बड़ी जालसाजी है।
नेगी ने कहा कि इसी क्रम में कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज (डीआईएमएस) एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए का दाग भी उनके माथे पर है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआई से जांच कराएं। पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व अमित जैन मौजूद थे।

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