कब खत्म होगा ये साजिशों का खेल!

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मुख्य संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जबसे सत्ता की कमान संभाली है तो प्रदश्ेा का सूचना महकमा अब तक उनका राज्य की जनता के सामने क्या प्रचार-प्रसार कर पाया है यह समझ से परे है? हैरानी वाली बात है कि मुख्यमंत्री की छवि निहारने के लिए सूचना महकमें को पहले पायदान पर आकर खडा होना चाहिए लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री राज्यवासियों के सामने अपनी सरकार के एजेंडे को कैसे परोस पायेंगे यह सवाल अब तैरने शुरू हो गये हैं? मुख्यमंत्री को लेकर जिस तरह से अब तक उनके कुछ बयानों को लेकर राज्य में उन्हें निशाने पर लिया गया है उससे यह आशंकायें भी प्रबल हो रही हैं कि क्या तीरथ सिंह रावत भी राज्य के अन्दर साजिशों के शिकार होने लगे हैं? बहस यह भी छिड रही है कि आखिर नये मुख्यमंत्री के खिलाफ कौन पर्दे के पीछे से साजिशों का खेल खेल रहा है इसका सच कौन सामने लायेगा? बहस यह भी छिडी हुई है कि आखिर ऐसी साजिशों का खेल राज्य के अन्दर कब खत्म होगा?
उत्तराखंड बनने के बाद से जब-जब यहाँ कोई मुख्यमंत्री बना है, उनके साथ एक बात जरूर जुड़ी रही है, वो है साजिश। हर बार मुख्यमंत्री को किसी न किसी कारण से टारगेट किया जाता रहा है। आज के दौर में सोशल मीडिया एक ऐसा माद्यम है, जिसकी ताकत से हर कोई वाकिफ है। कुछ समय से देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया में कुछ खास लोगो द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ एक मुहिम चला कर उनकी छवि खराब करने का काम करते है। मुख्यमंत्री के हर निर्णय ओर सवाल और शंका का वातावरण तैयार किया जा रहा है। अब ये साजिश की मुहिम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ भी शुरू कर दी गयी है। सोशल मीडिया पर एक मुहिम चला कर मुख्यमंत्री के हर निर्णय पर सवाल उठाये जा रहे है। अभी कुछ समय पहले मुख्यमंत्री के एक बयान को आधा दिखा कर मुख्यमंत्री की छवि करने का प्रयास किया गया। अब फिर से कुछ लोगो द्वारा मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए जा रहे है। किसी भी मुख्यमंत्री को अधिकार होता है, कि वह अपनी टीम में किसको जगह देता है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपनी टीम वही केवल दो ही सलाहकार नियुक्त किये है, जोकि अपने क्षेत्र में योग्यता के मामले में वरिष्ठ रहे है। राज्य की लंबे समय तक सेवा की है। ऐसे में सोशल मीडिया के माद्यम से इन नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए जा रहे, जिससे लगता है कि कुछ लोग मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को स्वतंत्र रूप से कार्य करने नही देना चाहते है। इसके साथ ही अब एक और खबर चलाई जा रही है कि 2०22 के चुनाव में भाजपा की तरफ से कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री का चेहरा नही होगा। इस प्रकार की खबरों से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही राज्य की जनता पर भी असर पड़ता है। इन सब बातों से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ भी कही साजिश रचने का काम तो शुरू नही हो गया है। वक्त रहते मुख्यमंत्री और उनकी टीम को इन सब बातों पर ध्यान देना होगा और मुख्यमंत्री की छवि की अच्छी छवि को जनता के सामने लाना होगा। इसके लिए सूचना विभाग को भी ज्यादा एक्टिव होना होगा, जो हर महीने करोड़ो रूपये मुख्यमंत्री के प्रचार प्रसार पर खर्च कर रहा है। मुख्यमंत्री को सूचना विभाग पर भी सख्त रुख अपनाना होगा।

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