सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी!
देहरादून(मुख्य संवाददाता)। उत्तराखण्ड में होने वाले विधानसभा चुनाव में मात्र कुछ माह का ही समय रह गया है और मौजूदा दौर में कोरोना काल से जिस तरह से राज्य के अन्दर हाहाकार मचा हुआ है और मौत का आंकडा राज्यवासियों के मन में एक बडा डर पैदा कर चुका है। सरकार कोरोना काल में जिस तरह से राज्य के अन्दर धडाम हो चुकी है उससे राज्यवासियों के मन में प्रचंड बहुमत की सरकार के राजनेताओं के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है। अब डाक्टर भी राजनेताओं की दबंगई सहने से इंकार कर रहे हैं पिछले एक माह के भीतर जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष को इलाकेवासियों की नाराजगी का दंश झेलना पडा वहीं चंद दिन पूर्व रामनगर मेें पीपी मोड पर दिये गये सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने आये मंत्री ने जब डाक्टर के सामने हेकडी दिखाई तो उन्होंने भी उनके समर्थकों के सामने साफ संदेश दे दिया कि वह कोई अपराधी नहीं है जिसके चलते उन्हें खडा किया जा रहा है। अब झबरेडा के विधायक को जिस तरह से अपनी जनता के कोप का भाजन होना पडा उसने साफ संदेश दे दिया कि राज्य के अन्दर अब प्रचंड बहुमत की सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी उठनी शुरू हो गई है जो कि तीरथ सिंह सरकार के लिए शुभ नहीं मानी जा रही?
उल्लेखनीय है कि चंद दिन पूर्व सरकार के मंत्री वंशीधर भगत अपने समर्थकों के साथ रामनगर सरकारी अस्पताल पहुंच गये और उन्होंने वहां जिस तरह से डाक्टर के साथ हेकडी दिखाई तो वहां का माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब मंत्री के सामने खडे डाक्टर ने नाराजगी भरे शब्दों में साफ कह दिया कि वह कोई अपराधी नहीं है जो उन्हें खडा करके उनसे बात की जा रही है। डाक्टर द्वारा मंत्री के सामने जिस तरह से नाराजगी भरे शब्दों में अपनी बात कहीं गई उससे साफ नजर आ गया कि ऐसे निरीक्षणों से डाक्टर भी अब अपना आपा खोने के कगार पर आ गये हैं। हरिद्वार जिले की झबरेड़ा विधानसभा से विधायक देशराज कर्णवाल को कोरोना पीड़ितों के परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। यह उत्तराखण्ड का पहला मामला नही है इससे पहले ऋषिकेश के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को भी कोरोना पीड़ितों के परिजनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था। उनके खिलाफ भी उनके मुंह पर भी मुर्दाबाद व वापस जाओ के नारे जनता ने लगायें थे। दरसल कोरोना के बिगड़ते हालातों के बीच माननीयों के उद्धघाटन कार्यक्रम नही रुक रहें है या कोरोना इलाज की राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं पर माननीयों का फोटो सैशन भी तीमारदारों के गुस्से का कारण बन रहा है। केंद्र हो या राज्य की सरकार दोनों के प्रति व्यवस्थाओं को लेकर जनता में भारी रोष है। पूरे देश में जिस प्रकार कोरोना का मृत्यु दर और फिर ज्यादा मौतें घर के बजाय हॉस्पिटल में हो रही है। उससे चारों तरफ भाजपा विरोधी माहौल है। जिनके घर का सदस्य अव्यवथाओं के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त होते देख रहा है। उसके परिजनों में गुस्सा होगा ही। ऐसे में कुछ विधायकों का रोल पूरे कोरोना काल में बहुत विवादों भरा देखने को मिल रहा है। अपनी जान की प्रवाह करना ठीक है लेकिन क्षेत्र की व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिये एक टीमवर्क के साथ काम करना चाहिये लेकिन जब आप जनता की मुसीबत के समय आप साथ नही खड़े दिखेंगे तो ऐसे ही दृश्य सामने आते हैं। कल हरिद्वार जिले के झबरेड़ा विधानसभा से चर्चित विधायक देशराज कर्णवाल अपने विधानसभा क्षेत्र के भत्तोंवाली गांव में एक योजना का उद्धघाटन करने पहुंचे थे। वहाँ पहुंचकर विधायक जी ने फोटों खिंचवाए और अपने द्वारा किये गये विकास कार्यों का बखान करने लगें। इसी पर ग्रामीण भड़क गये और विधायक जी की उनके पद की गरिमा का हवाला देते हुये बोले कि ष्आपने क्षेत्र में कोई विकास कार्य नही किया है। आप केवल कुछ पत्रकारों को लेकर अपनी फोटों खिंचवाने तो आ गये लेकिन जब यहां लोग मर रहे थे तो आप कहाँ थे। एक युवक तो इतना तक बोल गया कि जब आप अगली बार वोट मांगने आएंगे तो घर की गैलरी डंडा रखा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आप बलात्कारियों व गुंडों के साथ लेकर घूमते हों।ष् ग्रामीणों के इस रवैये विधायक जी ने चुप रहना ही मुनासिब समझा और धैर्य रखने का बोल कर चुपचाप निकल गए। ऐसी ही स्तिथियाँ कुछ दिन पूर्व ऋषिकेश में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के साथ भी हुआ। जब जनता ने अपने विधायक को ही मुह पर बोला कि चुनाव आने वाले है तब आकर दिखाना क्षेत्र में तब जवाब देंगे सही से तुमको। जनता का अपने जनप्रतिनिधियों के साथ इस प्रकार का रवैया निश्चित तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा परिवर्तन करेगा?