सन्तों के अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर

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हरिद्वार(द्वञ्जह्लश4)। धर्मनगरी के बैरागी कैम्प में कुम्भमेला समाप्त होते ही एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जे आदेश पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर सन्तों के अवैध कब्जों को गिरा दिया। जिसके बाद भारी हंगामा हुआ और सन्तों के समर्थन में कुछ हिंदूवादी नेताओं द्वारा नारेबाजी करने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
बैरागी कैम्प हरिद्वार की वो विवादित भूमि है जो नेहरवाहि विभाग के अंतर्गत आती है जिसका बड़ा भूभाग गंगा की खाली भूमि का है। जहां स्थायी निर्माण करना प्रतिबंधित भी है और खतरे से भी भरा है। ये क्षेत्र 2०13 तथा उससे पूर्व की भी कई बाढ़ में डूब चुका है। उसके बाद भी नेताओं के सरक्षण में बेरोकटोक बड़े बड़े संत व स्थानीय निवासी कब्जा कर स्थायी निर्माण किये जा रहे हैं। कुम्भमेला से भी पूर्व इस भूमि को कब्जा मुक्त करने की मांग उठती रही लेकिन अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के चलते कार्यवाही नही की गयी थी। कार्यवाही तो पहले भी कई बार हुई लेकिन फिर नेताओं द्वारा कब्जे करा दिये जाते हैं। उस समय अधिकारी आंखे बंद कर लेते हैं और जब अदालतों के आदेश होते है तब नींद से जागते हैं। इन कब्जों में बड़ी मिली भगत हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण व विद्युत विभाग की है जिनके द्वारा निर्माण व बिजली कनेक्शन में सहयोग किया जाता है। ये क्षेत्र बिकाऊ वोटरों के साथ साथ कुछ नामी सन्तों के आश्रमों से पटा पड़ा हैं। अब कुम्भ के दौरान भी मौके का लाभ लेकर कई सन्तों से अवैध निर्माण पूरे कर लिये थे कुछ के अभी चल ही रहे थे। जिन पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवाया। कई लोगो का कहना है कि हमें समय दिया जाये हम स्वत: ही खाली कर देंगे वही कई सन्तों ने सीधा धमकी दी कि हम यहां से कही नही जाएंगे।
प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही का विरोध करते हुऐ हिंदूवादी नेता या धमके और सत्ता की धौंस दिखाते हुये मंदिर व आश्रमों को तोडऩे पर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद सीओ अभय सिंह के नेतृत्व में प्रशासन का सहयोग कर रही पुलिस ने सीओ के आदेश पर हिंदूवादी नेताओं को गिरफ्तार कर जीप में बैठा लिया। नेता अपने आकाओं को फोन घुमाते रहे लेकिन किसी भी आका का फोन नही उठा। यहाँ बनी अवैध बस्तियों में कुम्भमेला के दौरान ही दो बार भीषण आग लगी थी। तब भी प्रशासन चाहता इनको पुन: न बसने देता लेकिन सत्ताधारी नेताओं के आगे अधिकारी मौन हो जाते हैं। ये ही हाल कुछ बड़े सन्तों के पूर्व में किये अवैध कब्जों का है जिन्होंने बहुमंजिला पक्के निर्माण खड़े कर लिए है जिनको गिराना प्रशासन के बस की बात अब नही दिखती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश लेकर भी जिस प्रकार कार्यवाही की जा रही है उससे सिर्फ कुछ छोटे संत व गरीब ही बेघर होंगे बाकी औंधे वाले सन्तों व नागरिकों का कुछ भी नही करेंगा प्रशासन।

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