गंगा विचार मंच प्रदेश संयोजक बिष्ट ने लोगों से की अपील
चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। कोराना महामारी की दूसरी लहर में कतीपय लोग गंगा या सहायक नदियों में अंतिम संस्कार के लिए गंगातट दाह संस्कार करते हैं। चिता को पूरी तरह नहीं जलने देते और अधजली चिता को हो बुझा देते हैं।
गंगा विचार मंच उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने सभी देशवासियों व प्रशाशन से अपील की है कि गंगा व उसकी सहायक नदियों व देश की दूसरी नदियों में सीधे तौर पर शवों को न बहाएं। उन्होंने कहा है कि माँ गंगा के मायके उत्तरकाशी में भी लोग जल्दीबाजी व भागमभाग की जिंदगी में शवों के अंतिम संस्कार के लिए गंगातट पर लाते हैं और चिता को पूरी तरह नहीं जलने देते और अधजली चिता को हो बुझा देते हैं। परिणामस्वरूप अधजली लकडिय़ों के साथ अधजले शव को भी गंगा की धारा में धकेल देते हैं। ये दृश्य यहां आम है। बिष्ट ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व माँ गंगा और उसकी सहायक नदियों व भारत की अन्य नदियों व खासकर बक्सर पटना के गंगा में प्रवाहित लाशों का विषय गंभीर बना हुआ है। आप और हम सभी अपने अपने क्षेत्रों में वर्षों से माँ गंगा की सेवा और लोगों को जागरूक करते आ रहे है। प्राय: यह भी देखने को मिलता है कि लोग भागमभाग की जिंदगी मे गंगा किनारे शवों को अधजला ही गंगा में प्रवाहित कर देते हैं। माँ गंगा जीवनदायिनी के साथ मोक्षदायिनी भी है, इसलिए माँ गंगा और उसकी सहायक नदियों व भारत की किसी भी नदी में शवों को सीधे न बहाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माँ गंगा को स्वच्छ और निर्मल व अविरल रखने का बीड़ा उठाया हुआ है। प्रधानमंत्री का माँ गंगा को स्वच्छ करना एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।