सरकार कब तक झूठ बोलोगे?
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार भले ही हजार दावे कर रही हो कि राजधानी में कहां-कहां आईसीयू बैड हैं लेकिन धरातल पर सरकार के यह दावे झूठ का पुलिंदा ही साबित हो रहे हैं। राजधानी के सीएमओ आये दिन अपनी ऑनलाईन वेबसाइट पर दावा करते हैं कि राजधानी में किस-किस प्राईवेट व सरकारी अस्पताल में आईसीयू बैड मौजूद हैं। सीएमओ ने देर रात कुछ अस्पतालों में आईसीयू बैड होने का दावा करते हुए उसे वेबसाइट पर अपलोड किया लेकिन जब एक परिवार ने दो प्राईवेट अस्पतालों में आईसीयू बैड का सच जानने के लिए वहां कॉल किया तो एक ही जवाब मिला कि आईसीयू बैड फुल हैं और उनके यहां एक भी आईसीयू बैड खाली नहीं है ऐसे में सवाल उठना तय है कि आखिरकार झूठ कौन बोल रहा है या तो सीएमओ राजधानीवासियों के सामने फर्जी आंकडा पेस कर रहे हैं या फिर प्राईवेट अस्पताल बैड होने के बावजूद भी क्यों आईसीयू बैड देने से इंकार कर रहे हैं यह खेल समझ से परे है ऐसे में आवाम कहां भटकता रहे यह सिस्टम पर एक सवालिया निशान लगा रहा है?
उल्लेखनीय है कि आये दिन सैकडों कोरोना मरीज के परिजन अपनों का जीवन बचाने के लिए सरकारी से लेकर प्राईवेट अस्पतालों की खाक छान रहे हैं और वह एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल अपने मरीजों के लिए आईसीयू बैड का इंतजाम करने में ही अपनों को हमेशा के लिए अलविदा कहने के लिए बेबस दिखाई दे रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिरकार मौजूदा दौर में जब सैकडों मरीजों को आईसीयू बैड की जरूरत आ रखी है तो सरकारी सिस्टम इतना ध्वस्त क्यों हो गया है कि वह कोविड अस्पताल की बजाए उसे आईसीयू बैड वाला कोविड अस्प्ताल बनाने में अभी तक नाकाम ही बना हुआ है? उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य सचिव आये दिन दावा करते हैं कि राज्य के अस्पतालों में आईसीयू बैड की कमी नहीं है लेकिन राजधानी में ही स्वास्थ्य सचिव के यह दावे फुस्स नजर आ रहे हैं। हर जनपद के सीएमओ अपनी सरकारी वैबसाइट पर अपलोड करते हैं जिसमें अस्पतालों के अन्दर कितने आईसीयू बैड खाली है इसका खुलासा रहता है लेकिन वहां फोन करने के बावजूद भी कोरोना मरीजों के परिजनों को बताया जाता है कि आईसीयू बैड खाली नहीं हैं। ऐसे में आवाम कब तक वेबसाइट से अपने आपको ठगा महसूस करता रहेगा यह समझ से परे है?