हरिद्वार(उज्जवल)। हरिद्वारकुम्भ के खत्म होते ही गंगा घाटों पर लगायें गये साइन बोर्ड को ठेकेदारों ने उतारना शुरू कर दिया है। जिसके बाद स्थानीय निवासियों में गुस्सा फूट पड़ा। नाराज घाट निवासियों ने ठेकेदार कम्पनी के सुपरवाइजर को खूब खरी खोटी सुनाई। जिसके बाद सुपरवाइजर द्वारा मेला नियंत्रण भवन में किसी दीपक नाम के व्यक्ति से फोन पर बात भी कराई लेकिन स्थानीय निवासियों ने सन्तुष्टि न होने पर मेला से सम्बंधित अधिकारियों से बात कराने व टेंडर नोटिफिकेशन दिखाने को कहा गया जिसपर असमर्थता दिखाने पर सुपरवाइजर को पुन: साइन बोर्ड लगाना पड़ा। यहाँ ये बता दें कि कुम्भ पर घाटों एवं मार्गों के लिये साइन बोर्ड लगाने वाली कम्पनी दीपाली डिजाइनिंग द्वारा ये बोर्ड लगाये गये थे। कम्पनी के सुपरवाइजर आर्यन दुबे से हमने जब कुछ सवाल पूछे तो न वो ये बता पाया कि टेंडर कितने का था,बोर्ड कितने थे। कोई सही जवाब नही दे पाया। ये ही बात से स्थानीय निवासी नाराज थे कि ये कौन है,क्यों लगाए गए थे,क्यों उतारे जा रहे हैं।
स्थानीय निवासी आकाश बंसल का कहना है कि पूरे कुम्भ से हमारे घाट पर कोई भी काम नही हुआ केवल एक साइन बोर्ड लगाया गया था उसे भी अब उतारा जा रहा है। जब उतारना ही था तो लगाया ही क्यों गया था। ये भगवान श्री राम के पवित्र पग स्थल से प्रसिद्ध राम घाट है। इसको भी ऐसी अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। आपको बता दें ये ही स्तिथि पूरे मेला क्षेत्र की है। जहां जहां भी ऐसे साइन बोर्ड लगाए गये थे उनको लगाने के टेंडर अलग होते है व उतारने के अलग होते हैं या जो भी प्रक्रिया हो उसमे सभी नियमों को खोल दिया जाता है। लेकिन कोई भी कागज सम्बंधित कंपनी के सुपरवाइजर के न दिखाने पर बोर्ड तो पुन: लगा दिया गया। वही कंपनी के सुपरवाइजर का कहना है कि हमारे सैकड़ों बोर्ड तो पहले ही चोरी भी हो चुके हैं। इसका मतलब कंपनी समान का रखरखाव भी नही कर पा रही है। जबकि टैंपरेरी सामानों की लगाई के टेंडर में सामानों के रखरखाव का भी विषय खोला जाता है।