चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। सरकार ने इस वर्ष भी बढ़ते कोविड के मामलों को देखते हुए चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। इससे चारधाम यात्रा से जुडे हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा हैं। कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए आज राज्य के मुख्यमंत्री ने फैसला लिया कि अगले माह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है।
उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटुरा ने बताया कि बीते वर्ष भी गंगोत्री – यमुनोत्री तीर्थ यात्रा नहीं चली । इस बार भी सरकार ने कोविड-19 कारण चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। इससे होटल व्यवसाई एवं चारधाम यात्रा से जुड़ी व्यवसाय की पूरी तरह से कमर टूट गई है । उन्होंने ने बताया है कि लोगों ने बैंकों से लोन लेकर के होटल बनवाए थे। बीते वर्ष से चारधाम यात्रा न चलने के कारण होटल व्यवसाय के सामने रोजी रोटी के संकट पड़ा हैं। वही बैंकों का लोन और बिजली- पानी का बिल देने के लाले पड़े हैं। उन्होंने बताया है कि बीते वर्ष सरकार से मांग की गई थी कि होटल व्यवसाय को का बिजली पानी का बिल माफ किया जाए लेकिन अभी तक यह भी नहीं हुआ है।
देश के साथ ही प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आगामी चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। वहीं निर्धारित तिथि पर चारों धामों के कपाट खेलने के बाद केवल मंदिर के पुजारी को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इस बात की जानकारी खुद सीएम तीरथ सिंह रावत ने दी।यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई और गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे। केदारनाथ के कपाट 17 मई और बदरीनाथ के कपाट 18 मई को खोले जाएंगे। सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चारधाम के कपाट तय तिथियों पर खुलेंगे, लेकिन फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी। सीएम के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
इस दौरान प्रदेश के साथ ही बाहरी राज्यों के किसी भी श्रद्धालु को चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं निर्धारित तिथि पर चारों धामों के कपाट खेलने के बाद केवल मंदिर के पुजारी को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। चारधाम यात्रा स्थगित होने से यमुनोत्री धाम तीर्थ धाम में दंडी कंडी घोड़े खच्चर व्यवसाय के साथ गंगोत्री यमुनोत्री के प्रमुख तीर्थ पढ़ाओ मैं भी हजारों होटल ढाबा दुकानदारों वह ट्रांसपोर्ट व्यवसाई को को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यात्रा स्थित होने से तीर्थ पुरोहित जी बुरे ढंग से प्रभावित हो गए हैं।