सप्ताहित बन्दी पर बाजारों में पसरा सन्नाटा

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हरिद्वारकुम्भ। आज रविवार की साप्ताहिक बन्दी का पूरा असर कुम्भ क्षेत्र के बाजारों में भी दिखा। हरिद्वार में इन दिनों कुम्भ चल रहा है अभी 27 अप्रैल के अंतिम शाही स्नान होना लेकिन 14 अप्रैल के स्नान के बाद से ही सन्तों के वापस लौटने के बाद से हरिद्वार के बाजारों व घाटों की रौनक खत्म हो गयी थी। कोरोना की गाइडलाइन के बाद साप्ताहिक बन्दी पर बाजारों में पूर्ण असर है यहां तक कि खाने पीने की भी दुकाने कम ही खुल रही हैं। हरकीपैडी क्षेत्र में प्रशासन की पहल पर कुछ दुकानों को खुलवाया गया जिससे अस्थि प्रवाह को आये यात्रीयों को सुविधा मिल सके बाकी पूरा बाजार बंद रहा। पूरी तरह से तीर्थ यात्री पर निर्भर हरिद्वार बाजार में यात्रियों के न आने के बाद से ही अधिकांश दुकानदार लगातार दुकान बंद रखे हुये है और अब साप्ताहिक बन्दी पर स्वयं ही पूर्ण बाजार बंद होने से प्रशासन को कोई अलग प्रयास करने की आवश्यकता नही पड़ी। पुलिस द्वारा मास्क न पहनने को लेकर जरूर कुछ यात्रियों व स्थानीय युवाओं के चालान काटें गये। हरकीपैडी चौकी इंचार्ज अरविंद रतूड़ी का कहना है कि कुछ लोग बिना वजह ही सड़को पर कोरोना गाइडलाइन के बाद भी सड़कों पर टहल रहें है तो कइयों ने मास्क भी नही लगाया है उनके खिलाफ सकती से पेश आया जा रहा है बाकी यात्रियों से मास्क लगाने की पहले अपील की जा रही है न मानने पर ही चालान काटा जा रहा है।
व्यपारी नेता संजीव नैय्यर का कहना है कि हरिद्वार का व्यापारी कोरोना काल से भी पूर्व से मंदी झेल रहा है। पहले रेलवे लाइनों के डबलीकरण के चलते ट्रैन बन्द थी। टैब यात्री नही आया फिर यात्रा काल समाप्त उसके बाद 21 मार्च से लॉक डाउन और कुम्भ में सकती और अब फिर ये स्तिथि तो हरिद्वार में तो 2 वर्ष से ज्यादा मंदी ही झेल रहा है। सरकार की और से कोई राहत नही मिल रही है। हरिद्वार में इस सन्नाटे के बाद सरकार की ओर से राहत न मिलती देख व्यापारी वर्ग में आक्रोश का माहौल है जिसे मैनेज करने का कोई प्रयास भी स्थानीय भाजपाइयों या सरकार के किसी मुलाजिम की और से किया जाता दिख रहा है।

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