देहरादून(संवाददाता)। अष्टम नवरात्री (अष्टमी) अष्टमी के दिन मां कालिका जी का भव्य श्रृंगार किया गया अभिषेक हुआ प्रात: काल छ: बजे मां कालिका यज्ञ शाला में श्री दुर्गा हवन प्रारंभ हुआ जिसमें मां दुर्गा के अनेकों मंत्रों की आहुतियां दी गई दुर्गा हवन प्रात: साढे नौ बजे पूर्ण हुआ पधारे सभी भक्तों ने पूर्णआहुति डाली। माँ कालिका जी का अभिषेक प्रात: पांच बजे प्रारंभ हुआ जिसमें दूध, दही, घी, शक्कर, इत्यादि जल से मां को पंचामृत बनाकर स्नान कराया गया व नवीन लाल रंग का लेहंगा धारण कराया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा मंदिर में सभी देवी देवताओं को आमंत्रित कर उनका पूजन किया गया जिसमें सर्व प्रथम गणेश पूजन, माँ कालिका जी का पूजन, घंटी पूजन, शंख पूजन, सूर्य पूजन, गणेश पूजन लक्ष्मी पूजन, व नवग्रह पूजन अनादि देवताओं का पूजन पुजारी द्वारा किया गया। तत्पश्चात मां दुर्गा की ढोल बाजे के साथ अपार भक्तों द्वारा मां की सामूहिक आरती हुई। श्री सिंदुरिया हनुमान मंदिर में मंदिर के ही मुख्य पुजारी के नितृत्व मे श्री राम चरित्र मानस का नवहन पाठ प्रारंभ हुआ जिसमें भी घट पूजन, गणेश पूजन, लक्ष्मी पूजन,भगवान शंकर पूजन, सूर्य पूजन, नवग्रह पूजन अनादि देव का पूजन मंदिर के पुजारी द्वारा किया गया। प्रात: दस बजे मंदिर प्रांगण में एक विशेष कन्या पूजन किया गया जिसमें पधारी हुई नौ कन्याओं को मां का रूप देकर संतो द्वारा पूजन कराया गया वह मंदिर के समस्त भक्त समाज द्वारा भेंट देकर उनका आशीर्वाद लिया गया वह अनेक कन्याओं को भेंट देकर उनको भी विदाई के मंदिर समिति द्वारा लगभग 5०० कन्याओं को भेट दी गई। प्रात: साढे दस बजे से मां अन्नपूर्णा में सर्वप्रथम संत समाज ने जलपान प्रसाद ग्रहण किया. तत्पश्चात अपार भक्तो दुवारा जलपान किया गया। दोपहर डेढ बजे मंदिर प्रांगण में विशेष भंडारा हुआ। सायकल भव्य श्रृंगार के साथ माता का मंदिर खुला श्रृंगार को देख सभी लोग प्रसन्न हो रहे थे वाह माता के जयकारे लगा रहे। सात बजे मां जगदंबा की सामूहिक आरती अपार भक्तों द्वारा की गई। आरती से पूर्व मंदिर के पुजारी चन्दर प्रकाश ममगई ने सर्वप्रथम दुर्गा चालीसा दुर्गा कवच का पाठ किया तत्पश्चात मां की आरती हुई आरती के पश्चात प्रसाद वितरण्ड हुआ। रात्रि नौ बजे मां भगवती का जागरण प्रारंभ हुआ जिसमें केवल मंदिर समिति के पदाधिकारी भी मौजूद थे अन्य भक्त समाज को मंदिर में आने नहीं दिया मंदिर समिति की मंडली श्री प्रमोद श्रीवास्तव द्वारा मां का गुणगान किया गया मेरी मैया सज रही है नजरें उतार लो, मेरी मैया का दरबार जग से निराला है, मां मां कहने की आदत हो गई, कन्या के रूप में पधारी है मां बोलो जय माता दी। अवसर पर समिति के ट्रस्टी रमेश साहनी, जय किशन कक्कर, नरेश मैनी अशोक लांभा, उमेश मिनोचा, विजय अरोरा, सतीश मेहता, शैंकी डोरा, उमेश मरवाह, शशि तलवार, राम स्वरुप भाटिया, स्वर्ण कालरा, संजय चांदना, राम भाटिया, हरीश कक्कर, सतीश कक्कर, जीतू अरोरा सिद्धार्थ आनंद, हर्ष गिरोटी, अभिषेक वादवा महेश ग्रोवर, संजीव शर्मा, सुरेंदर बजाज, कुंवर राजेंदर वर्मा, देवेंदर साहनी, संजय आनंद व अपार भक्त समाज उपसित था।