प्रधानमंत्री की अपील,संतो का सहयोग कुम्भ समय से पहले होगा समाप्त!

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हरिद्वार। आज हरिद्वार महाकुम्भ पर बरपाते कोरोना कहर के बाद स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाकी बचे कुम्भ स्नान को सांकेतिक करने की अपील अपने ट्वीटर से करते हुए की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी सहित कुछ अन्य सन्तों से फोन पर वार्ता कर समाधान निकालने को कहा है। देश मे बढ़ती कोरोना के जानलेवा स्तिथि में जहां 80 से ज्यादा सन्त चपेट में है वही श्रद्धालु व स्थानीय लोग भी संक्रमण की चपेट में आ गये हैं दो महामण्डलेश्वर की मौत भी हो चुकी है ऐसे में बैरागी व सन्यासी आखड़ों में कुम्भ समाप्त करने को लेकर बहस छिड़ गयी है जिससे मेला प्रशासन व राज्य सरकार की मुश्किलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसान करते हुए ट्वीटर व फोन के माध्यम से सन्तों से कुम्भ को अब सांकेतिक करने की अपील की है। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने भी हरिद्वार के बहुत से सन्तों से वार्ता की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी, अटल अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकनन्द गिरी ने भी प्रधानमंत्री का सहयोग करने की अपील सभी सन्तों से की है। वही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी हरिद्वार के कई बड़ें सन्तों से वार्ता की और प्रधानमंत्री के ट्वीटर के हवाला देते हुए कहा कि भारत की इस प्रकार की स्थिति में हमें जिम्मेदारी से निर्णय लेने होंगे। भावनात्मक स्थितियों से माहौल बिगड़ सकता है। इसी प्रकार नगर विकास मंत्री बंशीधर भगत भी हरिद्वार पहुंच गये है और भाजपा कार्यकर्ताओं सहित सन्तों व धर्मिक संस्थाओं से मिलकर फीडबैक ले रहे है जिसको देख कर लगता है राज्य सरकार आज शाम तक कुम्भ पर अपना फैसला ले सकती है।
कुम्भ मेला के अधिकारियों ने पहले ही सरकार तक सन्देश दे दिया है कि कुम्भ मेला को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए अन्यथा हरिद्वार की स्तिथि और ज्यादा बिगड़ सकती है। दरसल मेला प्रशासन पहले तो केवल 12 व 14 अप्रैल के स्नान को कराने पर फोकस करती रही। उन्होंने कोई कोरोना चांज को तवज्जो नही दी अब मेले बाद जब आखड़ों में जांच शुरू हुई तो मेला प्रशासन के हांथ पांव फूल गए है। इसीलिए सन्तों का ज्यादा पॉजिटिव पाया जाना सामने आ रहा है। वही स्थानीय लोग भी मेला समाप्त करने के पक्षधर नजर आ रहें हैं।

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