संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी में एकाएक आज कफ्र्यू का शोर तेजी से सुनाई देने लगा तो उससे राजधानी का आवाम सहम गया और उनमें इस बात को लेकर बड़ा डर पैदा हो गया कि अगर रात्रि कफ्र्यू लगा दिया गया तो शादियों के इस मौसम में हर वह परिवार बर्बाद हो जायेगा जिसके यहां शादी का समारोह है और उसने शादी की पूरी तैयारी कर रखी है वहीं होटल, धर्मशाला, वैडिंग प्वाइंट मालिकों में भी अपने उद्योग को लेकर एक बडा डर पैदा हो गया है अगर नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने रात्रि में कफ्र्यू लगाने के लिए अफसरों को हरी झंडी दी तो उससे भाजपा के लिए आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बडा संकट भी खडा हो सकता है?
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से राज्य के कुछ जिलों में कोरोना का कहर होने का शोर सुनने को मिल रहा है जिससे राज्यवासियों के मन में एक बार फिर बडा डर देखने को मिल रहा है। बीते रोज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ राज्यों में जहां कोरोना के मामले बढ रहे है वहां रात्रि कफ्र्यू लगाने की मंशा दिखाई थी उसी के बाद से ही राजधानी के लोगों में रात्रि कफ्र्यू को लेकर एक बडा डर देखने को मिल रहा है?
आज अचानक राजधानी में शोर मचना शुरू हुआ कि सरकार रात्रि कफ्र्यू लगाने के लिए हरी झंडी दे सकती है? रात्रि कफ्र्यू के शोर ने उन लोगों के मन में एक बडा डर पैदा कर दिया है जिनके यहां कल से शादियां शुरू होने जा रही है। कुछ लोगों ने क्राईम स्टोरी से संपर्क साधकर पूछा की क्या देहरादून में सरकार रात्रि कफ्र्यू लगाने जा रही है। उनके मन में इस बात का बडा दर्द था कि अगर रात्रि कफ्र्यू लगा दिया गया तो उनकी शादियों पर ग्रहण लग जायेगा क्योंकि उन्होंने अपनी शादियों की पूरी तैयारी कर रखी है और होटल, फार्म हाउस, वैडिंग प्वाइंट व कैटरिंग वाले बुक कर रखे है और अगर इस कफ्र्यू से उनकी शादी रदद हुई तो वह भिखारी बन जायेंगें और उनके सामने अपने बच्चों की शादी दुबारा करना उनके बस में नहीं रह जायेगा। राजधानी की अधिकांश जनता का सरकार को संदेश है कि वह रात्रि कफ्र्यू न लगाये क्योंकि ऐसा होने से उनके सामने जीवन मरण का सवाल आकर खडा हो जायेगा। ऐसे लोगों का कहना था कि रात्रि में सड़कों पर मात्र पांच प्रतिशत लोगों का ही आवागमन होता है ऐसे में अगर रात्रि कफ्र्यू लगाया गया तो राजधानी में कई व्यापार बर्बाद हो जायेंगें।